धर्म के नाम पर जोमैटो से ऑर्डर कैंसल करने वाले युवक के खिलाफ अब मध्यप्रदेश पुलिस ने एक्शन लिया है। जबलपुर के रहने वाले युवक अमित शुक्ला को पुलिस ने एक नोटिस भेजा है। पुलिस ने नोटिस जारी करते हुए कहा है कि वह दोबारा ऐसे ट्वीट न करें। छह महीने में दोबारा ऐसा हुआ तो जेल की सजा हो सकती है। बता दें कि ऑनलाइन फूड डिलिवरी एप जोमैटो से खाना ऑर्डर करने के बाद, डिलिवरी ब्वाय के गैर हिंदू होने की वजह से अमित शुक्ला नामक युवक के ऑर्डर कैंसिल कर दिया था। इस वाकये को उसने जब ट्विटर पर शेयर किया तो जमकर विवाद हुआ। युवक की आलोचना तो हुई ही जोमैटो ने खुद ट्वीट कर कहा कि ‘भोजन का धर्म नहीं होता, भोजन खुद एक धर्म है।’
पुलिस ने अमित शुक्ला के खिलाफ प्रतिबंधात्मक धाराओं 107/116 के तहत मामला दर्ज किया है। मामले को लेकर जबलपुर एसपी अमित सिंह का कहना है कि अमित शुक्ला ने धार्मिक भावनाओं को भड़काने का काम किया है और उन पर इसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने डिलीवरी लेने से इनकार करने वाले अमित शुक्ला से लिखित शपथ पत्र भी मांगा है। साथ ही आगे से धार्मिक भावनाओं को न भड़काने की हिदायत भी दी है।
जबलपुर के एसपी अमित सिंह ने इस बारे में कहा, ‘हमने एक नोटिस जारी किया है, इसे अमित शुक्ला को दिया जाएगा। उसे चेतावनी दी जाएगी, अगर वह ऐसा कुछ भी ट्वीट करता है जो संविधान के खिलाफ है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। वह सर्विलांस पर है, उस पर नजर रखी जा रही है।’
Amit Singh,SP Jabalpur (MP): We have issued a notice, it will be served to Amit Shukla (Twitter user who cancelled food order over deliveryman’s religion). He'll be warned, if he tweets anything which is against ideals of Constitution, action will be taken; he is on surveillance. pic.twitter.com/27gf9qeaFg
— ANI (@ANI) August 1, 2019
यह है पूरा मामला
दरअसल, मंगलवार रात मध्य प्रदेश के जबलपुर के रहने वाले अमित शुक्ला नामक एक व्यक्ति ने जोमैटो को ट्वीट कर डिलीवरी ब्वाय बदलने की शिकायत की थी। शुक्ला ने लिखा, जोमैटो से अभी ऑर्डर कैंसल किया क्योंकि वे एक गैर हिंदू राइडर को बदल नहीं सकते और पैसा भी रिफंड नहीं करेंगे।
मैंने कहा कि आप मुझे खाना लेने पर मजबूर नहीं कर सकते। मैं रिफंड नहीं चाहता हूं, बस मेरा ऑर्डर कैंसल कर दें।’ शुक्ला ने ट्वीट के साथ जोमैटो कस्टमर केयर के साथ बातचीत का स्क्रीनशॉट भी शेयर किया। शुक्ला ने दूसरा ट्वीट किया, ‘जमैटो मुझ पर उन लोगों से खाना लेने का दबाव बनाती है, जिनसे नहीं लेना चाहते।
फिर वह न रिफंड करती है और न सहयोग। इसलिए मैं यह एप हटा रहा हूं। इस मुद्दे पर वकीलों से बात करूंगा।’ हालांकि कंपनी अपने रुख पर कायम रही और राइडर बदलने से इनकार कर दिया।
जोमैटो ने दिया करारा जवाब
जोमैटो ने खाना पहुंचाने वाले लड़के के धर्म को लेकर ग्राहक की शिकायत सुनने से इनकार कर दिया। कंपनी ने ग्राहक को जवाब दिया, खाने का कोई धर्म नहीं होता, खाना खुद में एक धर्म है। अगर ऐसे ग्राहक हमें छोड़कर जाते हैं तो जा सकते हैं। कंपनी के इस कदम को सोशल मीडिया पर काफी समर्थन मिल रहा है।