विवादास्पद इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक ने दावा किया है कि भारतीय जनता पार्टी वाली केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू एवं कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म होने पर उनका समर्थन मांगा थी। इसकी एवज में पार्टी ने उन्हें “सुरक्षित तरीके से भारत लौटने” और उनके खिलाफ चल रहे मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों को हटाने की पेशकश की थी।
यह बयान नाइक की टीम की ओर से जारी कर किया गया है। नाइक ने कहा कि सितंबर में भारत सरकार के एक प्रतिनिधि ने उनसे संपर्क किया था। प्रतिनिधि ने उस वक्त कश्मीर के हालात पर इस सौदे की पेशकश की थी। नाइक का कहना है कि उन्होंने यह पेशकश ठुकरा दी थी।
जाकिर का दावा, शाह-मोदी ने दिए थे निर्देश
नाइक की टीम ने एक वीडियो भी जारी किया है, जिसमें नाइक कहते नजर आ रहे हैं कि “साढ़े तीन महीने पहले, भारतीय अधिकारियों ने भारत सरकार के एक प्रतिनिधि के साथ एक निजी बैठक के लिए मुझसे संपर्क किया था। यह सितंबर 2019 का चौथा सप्ताह था जब वे, पुत्रजया (एक मलेशियाई शहर) आए थे और मुझसे मिलना चाहते थे।
उनका कहना है कि मुलाकात के लिए वे व्यक्तिगत रूप से भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत के गृह मंत्री अमित शाह के निर्देशों के बाद आए हैं।” पिछले तीन साल से मलेशिया में रह रहे नाइक पर भारत में सांप्रदायिक विद्वेष भड़काने और गैरकानूनी गतिविधियों को अंजाम देने का आरोप है। नाइक जुलाई 2016 में ढाका में हुए आर्टिसन बेकरी के आतंकी हमले के सिलसिले में भारत और बांग्लादेश दोनों जगह जांच का सामना कर रहा है।
भाजपा अनुच्छेद 370 पर चाहती थी समर्थन
नाइक वीडियो में दावा कर रहे हैं, “(प्रतिनिधि) ने कहा कि वह उनके (नाइक) और भारत सरकार के बीच पैदा भ्रम और गलतफहमी को दूर करना चाहते हैं और मुझे भारत आने के लिए सुरक्षित तरीका देना चाहते हैं। आए हुए प्रतिनिधि ने यह भी कहा कि वह भारत और अन्य मुस्लिम देशों के बीच संबंधों को बेहतर बनाने के लिए मेरे संपर्कों का उपयोग करना चाहेंगे।” नाइक का कहना है, “बैठक कई घंटों तक चली और उन्होंने मुझसे कहा कि वह चाहते हैं कि कश्मीर में अनुच्छेद 370 खत्म होने का मैं समर्थन करूं। लेकिन मैंने साफ मना कर दिया था।”नाइक ने कहा कि प्रस्ताव से इनकार करने के बाद, उन्हें भविष्य में भाजपा या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ सार्वजनिक बयान न देने के लिए कहा गया।
मालदीव ने नहीं दी थी आने की अनुमति
विवादास्पद उपदेशक के दावे के लगभग एक महीने बाद मालदीव की संसद के अध्यक्ष मोहम्मद नशीद ने अपनी भारत यात्रा के दौरान कहा था, “जाकिर नाइक मालदीव आना चाहते थे, हमने उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी।” नाइक ने कहा कि उनका मानना है कि भारतीय मुस्लिम नेता जिन्होंने नागरिकता संशोधन अधिनियम या नागरिकों के राष्ट्रीय रजिस्ट्रार के समर्थन में बयान जारी किए हैं, उन्हें ऐसा करने के लिए या तो “ब्लैकमेल”, “दबाव या मजबूर” किया गया होगा। नाइक का बयान अकादमिक शेख यासिर कादी द्वारा सोशल मीडिया पोस्ट के जवाब में आया, जिसने इसी तरह के दावे किए थे।