‘युवा संकल्प सभा’ में प्रदेश सरकार पर ज़ोरदार हमला
लखनऊ, यूपी
‘उत्तर प्रदेश बचाओ-उत्तर प्रदेश बनाओ’ अभियान की तरफ से अमीनाबाद के गंगा प्रसाद मेमोरियल हाल में ‘युवा संकल्प सभा’ का आयोजन किया गया। इस जनसभा में मौजूद लोगों ने प्रदेश की विभिन्न समस्याओं को ज़ोरदार तरीके से उठाया गया। इस मौके पर प्रदेश भर से आए नौजवानों, किसानों, बुनकरों, महिलाओं ने संकल्प लिया कि वह पूरे प्रदेश में जनआंदोलन खड़ा करेंगे। जनसभा को कई लोगों ने संबोधित किया।
डॉ सूर्य प्रताप सिहं, सीनियर आईएएस
यूपी के सीनियर आईएएस बागी डॉ सूर्य प्रताप सिहं ने प्रदेश सरकार पर जमकर हमला किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने मेरा नाम तक राज्य की कम्प्यूटर सूची से बाहर कर दिया है, जिससे मैं अपने मिलने वाले को सचिवालय में नहीं बुला सकता। इसलिए मैंने पराग बूथ पर नया ठिकाना बना लिया है। अब लोगों से वहीं मिलता हूं।
एस पी सिंह ने कहा कि पिछले कई दिनों से ये चर्चा हो रही है कि मैं आज कोई राजनीतिक दल बनाने का एलान कर सकता हूं। उन्होंने साफ कहा कि मैं एलान करूंगा पर अभी थोड़ा वक्त है। एस पी सिंह ने कहा कि वह पश्चिमी यूपी के 13 ज़िलों में एक अभियान चलाने जा रहे हैं। इसके बाद पूरे यूपी में जाएंगे और लोगों से मिलकर आंदोलन खड़ा करेंगे। लोक सेवा आयोग के बर्खास्त अध्यक्ष अनिल यादव पर ज़ोरदार हमला करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को जेल जाना ही होगा। उन्होंने कहा कि आज सोशल मीडिया की पहुंच हर जगह है, वह सोशल मीडिया के ज़रिये युवाओं से बात करेंगे।
शाहिद सिद्दीक़ी, वरिष्ठ पत्रकार
सभा को संबोधित करते हुए मशहूर पत्रकार और राज्य सभा के पूर्व सांसद शाहिद सिद्दीकी ने कहा कि यूपी से उनका हमेशा से नाता रहा है, वो यहां के मौजूदा हालात को देखकर बहुत परेशान हैं। लोग बिल्कुल बंट से गए हैं। यहां संप्रदाय, जाति के नाम पर बात हो रही है। लोग कहीं मुसलमान के नाम पर वोट कर रहे हैं तो कही हिंदू के नाम पर। यादव, गुर्जर, अगड़े-पिछड़े सभी के नाम पर वोट दे रहे हैं। ऐसे में विकास कहां से मिलेगा। शाहिद सिद्दीकी ने कहा कि मंडल-कमंडल की राजनीति ने इस प्रदेश को तबाह कर दिया है। फिलहाल नेता खौफ की राजनीति कर रहे हैं। उन्हें पता है कि मतदाता को डराकर जीत हासिल की जा सकती है और वो ऐसा ही कर रहे हैं। प्रदेश में एक परिवार की राजनीति हाबी हो गई है। कब तक मुलायम, मायावती, कल्याण, उमा भारती को इंतज़ार में रहेंगे। सवाल यही है कि जब हम जाति, धर्म के नाम पर देंगे तो सड़क, बिजली, पानी जैसी बुनियादी चीजे भी हासिल नहीं होंगी।
शाहिद सिद्दीक़ी ने कहा कि कभी अरब के लिए कहा जाता था कि वहा क्रांति नहीं हो सकती लेकिन छोटे से वाकए ने पूरा माहौल बदल दिया। ट्यूनीशिया में सड़क पर ढेला लगाने वाले एक इंसान को पुलिस ने थप्पड़ मारा और उसने वो तस्वीर सोशल मीडिया पर डाल दी। इसके बाद से तो वहां तुफान आ गया। ट्यूनीशिया में सरकार का तख्ता पलट गया। उसके बाद लीबिया, मिश्र, सीरिया तक ये आग फैल गई। ऐसा हमारे प्रदेश में क्यों नहीं हो सकता। शाहिद सिद्दीक़ी ने कहा कि इस प्रदेश का युवा इंतज़ार में हैं, सिर्फ ईमानदारी से आंदोलन खड़ा करने की ज़रूरत है, उसके बाद किसान, बुनकर, कामगार, महिलाएं सभी इसका हिस्सा बन जाएंगे।
मोहम्मद अदीब, पूर्व राज्य सभा सदस्य
राज्य सभा के पूर्व सांसद और सीनियर नेता मोहम्मद अदीब ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि आज देश का माहौल अजीब सा वहसी हो गया है। लोगों में अजीब सा डर आ गया है। दोश का कानून कुछ लोगों के लिए मज़ाक बन गया है। हम एक दूसरे को खत्म करने पर तुले हैं। क्या देश को आज़ादी इसीलिए मिली थी। इसे बदलने की ज़रूरत है और ये काम इस मुल्क का नौजवान कर सकता है।
मोहम्मद अदीब ने कहा कि वह छात्र राजनीति से आएं हैं। वह अपने छात्र जीवन में संसद में जाया करते थे। उस समय संसद की दर्शक दीर्घा हमेशा भरी रहती थी। उन्होंने उस दौर के कई नेताओं का नाम लेते हुए कहा कि इन लोगों को सुनना अपने आप में एक इतिहास था। आज तो दर्शक दीर्घा खाली रहती है कोई नहीं जाता। ऐसा क्यों… वजह साफ है आज हमारे नेता इस काबिल रहे ही नहीं कि लोग उनकी बात को सुने। यहां हीरों कोई नहीं सब ज़ीरों हो गए हैं।
मोहम्मद अदीब ने युवाओं से कहा कि वह सिर्फ सोशल मीडिया की बातों पर यकीन न करें। युवा इससे बाहर निकलें और किताबें भी पढें। इस मुल्क में की ऐसी शख्सियत हुई हैं जिनकी ज़िंदगी युवाओं के लिए सबक हो सकती है। ये देश के लिए और उनके भविष्य के लिए बेहतर होगा। उन्होंने साफ कहा कि अभी तक युवाओं को उनकी हिस्सेदारी नहीं मिली है, इसके लिए खुद युवाओं को आंदोलन छोड़ना पड़ेगा। हम सब आपके साथ हैं।
इलियास आज़मी, पूर्व सांसद
आम आदमी पार्टी के नेता और पूर्व सांसद इलियास आज़मी ने भी सभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि इस समय माहौल इतना खराब कर दिया गया है कि लोग एक दूसरे को शक की निगाह से देख रहे हैं। यूपी में लगातार साप्रदायिक दंगे एक सोची समझी साजिश का हिस्सा है। प्रदेश के नौजवानों को आगे आना होगा। इसे लिए विकल्प बनाने के साथ एक बड़ा आंदोलन खड़ा करना होगा जिसमें किसानों, गरीबों, दलितों को शामिल करना होगा।
तारिक सिद्दीक़ी, कार्यक्रम स्वागाध्यक्ष
युवा संकल्प सभा के स्वागाध्यक्ष तारिक सिद्दीकी ने पीएनएस से बात करते हुए बताया कि पिछले कुछ दिनों से इस बात पर मंथन चल रहा था कि कोई ऐसा आंदोलन खड़ा किया जाए जिसमें युवाओं की न सिर्फ भागीदारी हो बल्कि उन्हें नेतृत्व दिया जाए। इसके साथ ही इस कार्यक्रम का मकसद प्रदेश के युवाओं को देश की मुख्यधारा से जोड़ना है। हम लोग युवाओं की सोच बदलने के साथ उनमें नेतृत्व क्षमता का विकास करना चाहते हैं। इसके लिए कई बार हम लोगों ने बात की, तय हुआ कि एक सम्मेलन करके इसकी शुरुआत की जाए। पीएनएस के इस सवाल पर कि आगे की रणनीति होगी। तारिक सिद्दीक़ी ने कहा कि आगे इस आंदोलन को पूरे प्रदेश में ले जाया जाएगा। उन्होंने बताया कि हमारे साथ कई संगठनों के लोग हैं कई संपर्क में हैं।
तारिक सिद्दीकी ने कहा कि यूपी का युवा बेरोजगार है, सिर्फ प्रदेश में 1 करोड़ से ज्यादा युवा ऐसे हैं जिनके पास कोई काम नहीं है। इनके लिए सरकार के पास कोई ठोस योजना नहीं है। वहीं केंद्र सरकार युवाओं के लिए सिर्फ बातें कर रही है। पीएम मोदी ने चुनाव से पहले बड़ी-बड़ी बाते की थी पर आज हकीकत में युवाओं के लिए कुछ भी नही हुआ है।
कार्यक्रम में व्यवधान
सीनियर आईएस सूर्य प्रताप सिंह के कुछ अतिउत्साही समर्थकों ने कार्यक्रम के बीच में आकर उन्हें दोबारा बोलने के लिए नारे लगाने लगे। उनका कहना था कि वो सिर्फ सूर्य प्रताप सिंह को सुनने आएं है। आयोजकों ने किसी तरह समझ बुझाकर मामले को संभाला। इस मुद्दे पर कई मेहमान खासा नाराज़ दिखे। सूर्य प्रताप सिंह के हाल में ही मीडिया से बात करने पर भी कुछ लोगों ने आपत्ति जताई। इसके बाद सुर्य प्रताप सिंह हाल से बाहर जाकर मीडिया से बात की। आईएएस सूर्य प्रताप सिंह कुछ ज़्यादा ही जल्दबाज़ी में दिख रहे थे।
कार्यक्रम का उद्देश्य
‘युवा संकल्प सभा’ में भ्रष्टाचार, महिला विरोधी हिंसा और जातीय भेदभाव के विरोध में प्रस्ताव लेते हुए उच्च पदों पर बैठे भ्रष्टाचारियों को बचाने के लिए सीबीआई के दुरुपयोग की कड़ी आलोचना की गयी और भ्रष्टाचारियों को जेल के सलाखों के पीछे ले जाने के लिए आंदोलन खड़ा करने की बात कही गई। सरकारी नौकरियों में खाली पड़े लाखों पदों को बिना किसी देरी के भरे जाने और चयनप्रक्रिया को शुल्कमुक्त, पारदर्शी और कानूनी तौर पर बनाने की मांग की गई।
वित्तीय अनुशासन के नाम पर शिक्षा, रोजगार, प्रशिक्षण, अप्रेंटिस आदि मदों में हो रही भारी कटौती पर विरोध दर्ज किया गया। तेजी से बढ़ती महंगाई पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए वायदा कारोबार और जमाखोरी पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने की मांग की गयी। चौपट हो रही खेती-किसानी पर चिंता व्यक्त करते हुए खेती-किसानी, कृषि आधारित उद्योग, छोटे-मझोले उद्योग तथा दस्तकारी क्षेत्र के विकास से ही रोजगार सृजन और देश का वास्तविक विकास की बात कही गई। किसानों और आम नागरिकों की कीमत पर कारपोरेट घरानों को दी जा रही छूट को समाप्त करने और कृषि, रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसे जनहित के मदों पर बजट में पर्याप्त धन आवंटित करने की मांग की गयी।
अन्त में…
इस कार्यक्रम में वी एम सिंह- राष्ट्रीय अध्यक्ष, किसान मजदूर संगठन, अखिलेन्द्र प्रताप सिंह- संयोजक, आल इण्डिया पीपुल्स फ्रंट (आइपीएफ), अमरेश मिश्रा, लेखक, नाहिद अकील, एस आर दारापुरी- राष्ट्रीय प्रवक्ता, आइपीएफ, इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पूर्व अध्यक्ष लाल बहादुर सिंह, सैफ अली नकवी, पूर्व आईएएस अनीस अंसारी समेत कई लोगों ने संबोधित किया। जनसभा का संचालन तारिक सिद्दीक़ी ने किया। जनसभा की अध्यक्षता पूर्व सांसद इलियास आजमी ने की।