लगातार बारिश की वजह से बिहार की राजधानी पटना में बाढ़ की स्थिति बिगड़ गई है। पटना के हर गली, हर मोहल्ले में कमर भर पानी भर चुका है। ये स्थिति पिछले दो दिनों से है। स्कूलों को बंद कर दिया गया है लेकिन सरकारी और निजी हॉस्टलों में बड़ी संख्या में छात्र, छात्राओं के फंसे होने की आशंका है।
बताया जा रहा है कि राजेंद्र नगर इलाक़े में स्थिति बहुत ख़राब है। अगर सरकार की बात करें तो राज्य के मुखिया नीतीश कुमार ने कहा है कि कुदरत पर किसी का कमांड नहीं है, लोगों को धैर्य से काम लेना चाहिए। उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने विपक्ष से सरकार को कोसने के बजाए राहत कार्य में सहयोग करने की अपील की है।
समाचारों में कहा जा रहा है कि NDRF की 12 और टीमें राज्य में काम कर रही हैं लेकिन सोशल मीडिया से जो अपडेट मिल रहे हैं उससे तो यही समझ आ रहा है कि सरकार एक बार फिर आपदा की इस घड़ी में अपने हांथ खींच रही है या वो जो कर रही है, उससे कहीं ज़्यादा किए जाने की ज़रूरत है।
इसी बीच राहत देने वाली कुछ जानकारियां भी सामने आ रही हैं। बताया जा रहा है कि मौसम पूर्वानुमानों के मुताबिक़ आज बारिश नहीं होगी। वहीं पटना वालों की मदद के लिए भारतीय एयरफ़ोर्स के दो हेलीकॉप्टर पहुंच चुके हैं और पहाड़ी सहित कई पंप हाउस से पानी का डिस्चार्ज शुरू होने वाला है।
लेकिन पिछले दो दिनों में जब पटना की सड़कों से सरकार ग़ायब थी। इधर, उधर पानी में फंसे लोग अपने बचाव के लिए हांथ-पांव मार रहे थे तो शहर के कुछ युवा सामने आए। सबने मिलकर एक-दूसरे का साथ देना शुरू कर दिया।
पटना के रहनिहार और पेशे से पत्रकार पुष्यमित्र ख़ुद लोगों के साथ तालमेल बिठाने में लगे हुए हैं। जब हमने उनसे ऐसे युवाओं के बारे में पूछा जो काम कर रहे हैं तो उन्होंने कहा, ‘सोमू आनंद, आकांक्षा, राजा रवि, प्रख्यात, अमन सागर और निर्मला जैसे युवा साथियों के बारे में मुझे जानकारी है लेकिन और भी कई लोग हैं जो अपने-अपने स्तर पर लगे हुए हैं। कोई प्रभावित लोगों के रहने, खाने की व्यवस्था कर रहा है तो कोई ट्रैक्टर खोजकर उन इलाक़ों में पहुंचने की कोशिश कर रहा है।
आलोक कुमार सिंह ने फ़ेसबुक पर लिखा कि उन्होंने अपने को-वर्किंग स्पेस को ही राहत शिविर में बदल दिया है। उन्होंने इस पोस्ट में एक नंबर भी दिया है जिसके ज़रिए ज़रूरतमंद लोग उनसे संपर्क कर सकते हैं। आलोक कुमार के मुताबिक़ प्रशांत राज, आदित्य चंद्रा, नवीन, कृष्णा और मुकेश हिस्सरिया जैसे युवा पटना में उपलब्ध क्षमता में लगे हुए हैं।