आसमोहम्मद कैफ, सीनियर जर्नलिस्ट
सहारनपुर, यूपी
आगरा में थाने में घुसकर सीओ को थप्पड मार दिया जाता है। सहारनपुर में एसएसपी के आवास पर उनकी गैरमौजूदगी में तोड़फोड़ की जाती है। मथुरा में एक छुटभैया नेता वहां के एसएसपी को धमकाने उनके ऑफिस में घुस जाता है। थानाभवन में धार्मिक कट्टरता में अंधे होकर एक गैंग गरीब का दहेज का सामान जलाकर राख कर देता है। मेरठ में खुलेआम कश्मीरी छात्रों को धमकी देते हुए होर्डिंग लगाए जाते है। यह सब पिछले 7 दिनों में होने वाली घटनाए हैं।
अचानक से उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था चरमराती दिखाई देती है। अपने पहले एक माह में कामकाज़ को लेकर योगी सरकार सात दिनों में ही कटघरे में खड़ी हो जाती है। कानून का उल्लंघन करने वाले उनके अपने है तो सवाल उठता है कि क्या यह कोई साज़िश है जो अपनी ही सरकार को बदनाम तो नहीं करना चाहेगा।
सहारनपुर के युवा नेता फरहाद गाड़ा कहते हैं कि हो सकता है योगी सरकार से किसी को जलन हो रही हो ! अब यह जलन पराजित लोगो में तो हो नही सकती। बीजेपी नेता रामकुमार सैनी का कहना है कि अभी अफसर पुराने नशे में है उनको यह याद दिलाना ज़रुरी हो गया है कि राज्य में अब अखिलेश यादव मुख्यमंत्री नही है। अफसर हटेंगे तब हमारे तरीके से काम होगा। अब घटनाओ की गंभीरता को समझ लीजिये…
आगरा में थाने में घुसकर सीओ को थप्पड़
ज़िले में रिज़वान और मुबीन अहमद के साथ मारपीट और छिनौती करने आरोप में हिंदूवादी नेता विक्रांत फौजदार के विरुद्ध फतेहपुर सीकरी थाने में मुकदमा दर्ज हो गया था। पुलिस ने विक्रांत को उसके साथियो समेत गिरफ्तार कर लिया था। इससे गुस्साए बजरंग दल ने थाने पर हमला बोल दिया। 5 घण्टे तक ऐसा नंगा नाच हुआ कि आसपास में सियापा छा गया। दारोगा को पीटकर उसकी पिस्टल छीन ली गई। थाने में खड़ी बाइक में आग लगा दी गई। थाने में खूब पथराव किया गया। हवालात तोड़ने की कोशिश की गई। इस मामले में स्थानीय विधायक भी थाने पहुँच गये। सीओ रविकांत पाराशर को थप्पड़ मार दिया। इसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया।
सहारनपुर में एसएसपी के घर पर हमला
14 अप्रैल को अंबेडकर जयंती मनाई जाती है। यहां बीजेपी सांसद राघव लखनपाल ने एक कुत्सित राजनीतिक योजना के तहत सड़क दुधली नाम के गाँव से एक सप्ताह बाद अंबेडकर के नाम पर शोभा यात्रा निकालने का प्रयास किया। प्रशासन ने इसकी अनुमति नही दी। बीजेपी सांसद ने जबरदस्ती की और बवाल हो गया। इसके बाद बीजेपी सांसद अपने सैकड़ों समर्थको के साथ एसएसपी आवास पहुंचे और वहां प्रदर्शन और तोड़फोड़ हुई।
जला दिया गरीब का दहेज
पश्चिम यूपी के शामली जनपद के थानाभवन में एक गरीब परिवार का शादी का दहेज जलाकर राख दिया गया। वजह मामूली कहासुनी बताई जा रही है। आरोपी हिंदूवादी संगठन से जुड़े लोग थे और ये लोग स्थानीय विधायक और सरकार में मंत्री सुरेश राणा के करीबी कहे जा रहे हैं। इस घटना ने क्षेत्र में तनाव पैदा कर दिया। लोग सहम हुए हैं और पुलिस खामोश ह।
मेरठ में लगवा दिए हिंसक होर्डिंग
ज़िले में एक उग्र हिंदूवादी नेता अमित जानी ने कश्मीरी छात्रों को धमकी देते हुए होर्डिंग पूरे शहर में लगवा दिए। यहाँ करीब 250 कश्मीरी कई युनिवर्सिटी में छात्र पढ़ाई करते हैं। इससे उनमें दहशत फैल गयी। शहर में एक जगह उन पर हमला भी किया गया। इस मामले में गृह मंत्रालय के दखल के बाद आनन-फानन में होर्डिंग उतरवा दिये गए। होर्डिंग लगाने वाले अमित जानी पर मुक़दमा दर्ज करके गिरफ्तार कर लिया गया और जेल भेजा गया।
छुटभैया नेता ने कप्तान को धमकाया
मथुरा में एक छुटभैया बीजेपी नेता एसएसपी मोहित गुप्ता पर काम कराने के लिए दबाव बनाने लगा। ये नेता उनके ऑफिस में घुसकर न्हें धमकाने की कोशिश की। मगर एसएसपी ने उसका दिमाग ठीक करते हुए हवालात में बंद करवा दिया।
क्या कह रहे है अफसर
इन अलग-अलग घटनाओं पर पुलिस ने क्या कार्रवाई की है। अब यह भी जान लेते हैं। आगरा के एसएसपी डॉक्टर परतींद्र सिंह के अनुसार अब तक 10 लोगो को थाने पर हमले करने, हवालात तोड़ने का प्रयास करने, सरकारी कर्मचारियों के साथ मारपीट करने के मामले में गिरफ्तार किया गया है। आगरा एसएसपी ने कहा है कि वह इस मामले में किसी को भी बख्शेंगे नही।
शामली एसपी अजय शर्मा के अनुसार थानाभवन दहेज जलाने वाले मामले में 2 लोगों की गिरफ़्तारी की गयी है। सहारनपुर एसएसपी लव कुमार के मुताबिक अब तक 12 गिरफ़्तारी की गयी है और 2 मुक़दमे दर्ज किए गए है। मेरठ एसएसपी जे रविंदर गौड़ के अनुसार होर्डिंग लगाकर कश्मीरी छात्रों को आतंकित करने वाले अमित जानी के खिलाफ परतापुर थाने में मुक़दमा दर्ज कराया गया था। जहाँ से उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। मथुरा एसएसपी मोहित गुप्ता के अनुसार कोई व्यक्ति खुद को किसी पार्टी का नेता बताकर अनावश्यक दबाव बनाने की कोशिश कर रहा था जिसे थोड़ा समझा दिया गया।
अब कुछ सवाल है जो जवाब मांग रहे हैं
सवाल- 1: क्या यूपी के मुखिया योगी आदित्यनाथ के बढ़ते कद से बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व में बौखलाहट है?
सवाल- 2: क्या थानाभवन, आगरा और सहारनपुर के दूधली की घटनाएं सूबे के मुखिया को बदनाम करने की साजिश है?
सवाल- 3: क्या इन विवादों और हंगामों के पीछे कहीं 2019 के चुनावों की तैयारी तो नहीं?
सवाल- 4: क्या योगी बेलगाम हो रहे हिन्दू संगठनों पर लगाम कसने की हिम्मत जुटा पाएंगे?
सवाल- 5: जब कानून के रखवालों का यह हाल तो विपक्षियों का क्या हश्र किया जाएगा !