लखनऊ, यूपी
उत्तर प्रदेश में योगी सरकार आने के बाद दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के ऊपर लगातार उत्पीडन बढ़ रहा है। सत्ता में आने के बाद सहारनपुर से लेकर बलिया तक दलितों के उत्पीड़न का सिलसिला जारी है। वहीं दूसरी तरफ सत्ता संरक्षण में मुसलमानों पर हमले लगातार हो रहे हैं। कासगंज में हिंसा उसी का उदाहरण है। प्रदेश सरकार मानवाधिकार आयोग की नोटिस को दरकिनार करते हुए प्रदेश में दलितों, पिछड़ों और मुसलमानों को मुठभेड़ों के नाम दिन दहाड़े हत्या कर रही है। ये बातें रिहाई मंच ने एक बयान में कहीं।
रिहाई मंच ने कहा कि योगी सरकार पूरे सूबे को दलितों, पिछड़ों और मुसलमानों का कत्लगाह बना रही है। इस खिलाफ 11 फरवरी को इन्साफ के लिए संघर्षरत संगठनों और लोगों का सम्मलेन किया जायेगा। मंच ने हरियाणा विश्वविद्यालय के कश्मीरी छात्रों के ऊपर हुए हमले की निंदा करते हुए कहा कि भाजपा शासित राज्यों में कोई सुरक्षित नही है।
मंच की तरफ से जारी प्रेसनोट में रिहाई मंच प्रवक्ता अनिल यादव ने बताया कि शाहिद आज़मी की शहादत की 8वीं बरसी पर 11 फ़रवरी को कैफ़ी आज़मी एकडमी निशातगंज, लखनऊ में इन्साफ के लिए संघर्षरत संगठनों और लोगों के साथ रिहाई मंच सम्मेलन करेगा। उन्होंने कहा कि भारतीय गणतंत्र को 69 साल पूरे हो गए हैं, फिर भी आबादी के एक बड़े हिस्से को न सिर्फ नागरिक मनाने से नकारा जा रहा है बल्कि उनको इंसान होने का भी दर्ज़ा नही दिया जा रहा है। जबकि भारतीय संविधान के प्रस्तावना में ही सबके लिए न्याय की बात कही गयी है और संविधान निर्माताओं का सपना भी यही था की भारतीय गणराज्य का हर नागरिक तक इंसाफ की पहुँच हो।
मंच ने कहा कि आज जब दलितों-पिछड़ों पर हमले बढ़े रहे हैं, मुसलमानों को राजनीति से प्रेरित हिंसक भीड़ उनके पहचान के आधार पर पीट-पीटकर मार रही है। सरकारें दलित उत्पीड़न और साम्प्रदायिकता के खिलाफ बोलने वालों को देशद्रोही करार देकर जेलों में ठूसने पर उतारूं है। विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों को अपना हक मांगने पर मुक़दमे लादे जा रहे हैं। किसान आत्महत्या को मजबूर हैं। अब हम सब की ज़रुरत है कि हम कतारबद्ध होकर लड़ी लड़ें।
अनिल यादव ने कहा कि सहारनपुर से बलिया तक दलित उत्पीड़न का दौर जारी है। एक तरफ भीम आर्मी के नेता चंद्रशेखर पर रासुका लगाकर सरकार उत्पीडन कर रही है तो दूसरी तरफ बलिया में योगी सरकार के सह पर दलितों को गाय चोर हूँ की तख्ती गले में बांधकर, मारते-पीटते हुए घुमाया जाता है। सत्ता संरक्षण में मुसलमानों पर हमले हो रहे हैं।