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18 Oct 2024, Fri
योगी सरकार मुजफ्फरनगर दंगे के आरोपी सरधना विधायक संगीत सोम के खिलाफ दर्ज मुकदमों में भी उन्हें राहत दिलाने की तैयारी में है। वर्ष 2013 में दंगे में आगजनी, बलवा, डकैती आदि धाराओं में दर्ज 74 केस को वापस लेने की मंजूरी पहले ही सरकार दे चुकी है। सोम के खिलाफ जिले में चार मुकदमे दर्ज है, जिसमें कवाल कांड की तथाकथित वीडियो वायरल मामले में पुलिस एफआर लगा चुकी है। उधर, शासन ने खतौली और सिविल लाइन थाने में दर्ज दो केस में प्रशासन से मौजूदा स्थिति की आख्या मांगी है।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर सांसदों, विधायकों के खिलाफ दर्ज मुकदमे प्रयागराज की स्पेशल कोर्ट में विचाराधीन है। सात सितंबर 2013 को मुजफ्फरनगर दंगे से सुर्खियों में आए सरधना के भाजपा विधायक संगीत सोम के विरुद्ध दर्ज चार मुकदमे भी स्पेशल कोर्ट में चल रहे हैं, जिन्हें प्रदेश सरकार वापस लेने की तैयारी में है। छह साल पहले जानसठ कोतवाली के कवाल गांव में मलिकपुरा के ममेरे भाइयों सचिन और गौरव तथा कवाल के शाहनवाज की हत्या के बाद मुजफ्फरनगर और शामली में हिंसा भड़की थी।

कवाल की घटना के विरोध में सात सितंबर 2013 को नंगला मंदौड़ में हुई महापंचायत में संगीत सोम पर भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगा था। उनके खिलाफ सिखेड़ा थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था। कवाल कांड की कथित वीडियो को सोम ने फेसबुक पर लाइक किया था। पुलिस जांच में यह कथित वीडियो नफरत का उन्माद फैलाने की एक मुख्य वजह मानी गई थी। मामले में शहर कोतवाली में विधायक सोम के खिलाफ दंगे के दौरान दूसरा मुकदमा दर्ज हुआ। हालांकि यह कथित वीडियो किसके फेसबुक अकाउंट से वायरल हुई, इसका एसआईसी पता नहीं चला सकी।

इंटरपोल और फेसबुक के अमेरिका स्थित हेडक्वार्टर ने हाथ खड़े कर दिए थे। आखिरकार मामले में पुलिस को एफआर लगानी पड़ी। भाजपा से पहले संगीत सोम सपा में थे। वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में सपा ने उन्हें मुजफ्फरनगर लोकसभा से प्रत्याशी बनाया था। चुनाव के दौरान वाहन को खड़ा करने पर हुए बवाल में पुलिस ने सिविल लाइन थाने पर सोम के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। ऐसा ही एक मामला खतौली कोतवाली का है, जिसमें सोम के खिलाफ केस दर्ज है। दंगे से जुड़े मुकदमों में राहत देने का मन बना चुकी प्रदेश सरकार ने अब विधायक सोम को भी संबंधित मुकदमों से मुक्त करने की पहल कर दी है।

शासन ने विधायक संगीत सोम से जुड़े सिविल लाइन और खतौली में दर्ज मुकदमों के बारे में आख्या और आदतन स्थिति मांगी है। पत्रावली रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेजी जाएगी – अमित कुमार सिंह, एडीएम प्रशासन।

सांसदों, विधायकों समेत पूर्व सभी जनप्रतिनिधियों के खिलाफ दर्ज मुकदमे एक साल पहले ही प्रयागराज की स्पेशल एमपी-एमएलए कोर्ट में भेजे जा चुके है।  – दुष्यंत त्यागी, डीजीसी फौजदारी।

By #AARECH