लखनऊ, यूपी
राज्य सरकार ने लखनऊ में सीएए विरोधी प्रदर्शन के दौरान हुई तोड़फोड़ के आरोपियों के पोस्टर हटाने के मामले में सोमवार को रिपोर्ट दाखिल की। रिपोर्ट के साथ सरकार ने पोस्टर हटाने के लिए और समय की मांग भी की है।
अपर महाधिवक्ता नीरज त्रिपाठी के अनुसार रजिस्ट्रार जनरल के यहां दाखिल रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है, जिस पर वहां वृहद पीठ के समक्ष सुनवाई होनी है। सुप्रीम कोर्ट में याचिका लंबित होने के आधार पर पोस्टर हटाने के आदेश के अनुपालन के लिए और समय की मांग की गई है।
आपको बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नागरिकता कानून(सीएए) के विरोध में लखनऊ में उपद्रव और तोड़फोड़ करने के आरोपियों के सारे सार्वजनिक पोस्टर लगाए जाने के मामले में लखनऊ के डीएम और कमिश्नर को अविलंब पोस्टर और बैनर फोटो आदि हटाने के आदेश दिए थे।
कोर्ट ने 16 मार्च तक का समय देते हुए महानिबंधक के समक्ष सभी पोस्टर हटाए जाने संबंधी कार्रवाई की रिपोर्ट जमा करने को कहा था। मालूम हो कि नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ लखनऊ में विरोध प्रदर्शन में निजी और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों की फोटो सार्वजनिक स्थान पर लगा दी गई थी। इस मामले में हाईकोर्ट ने इसे निजता के अधिकार का हनन मानते हुए स्वत: संज्ञान लिया था।