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23 Dec 2024, Mon

Onion Boy: इज़रायली सेना से मोर्चा ले रहे इस बच्चे को देखकर दुनिया दंग

PALESTINE CHILD FAMOUS OF THEIR STYLE 1 060418

गाज़ा, फिलिस्तीन

गौर से इस तस्वीर को देखिये… इस बच्चे की उम्र महज़ 9 साल की है। नाम मोहम्मद अयाश है। इसकी ये तस्वीर पूरी दुनिया में वायरल हो गई है। दरअसल दुनिया अब इसे ओनियन ब्वाय के नाम से पहचान से जानने लगी है। इस बच्चे को आखिर दुनिया में क्यों पहचान मिली। इस उम्र में जब बच्चे अमूमन किसी तेज़ आवाज़ में घर में दुबक जाते हैं तो ये बच्चा दुनिया के मज़बूत माने जाने वाले देश की सेना के सामने क्यों खड़ा हो गया।

दरअसल मोहम्मद अयाश फिलिस्तीन का रहने वाला है। फिलिस्तीन में हर साल लोग Land Day Protest करते हैं। इस दिन फिलिस्तीनी अपनी ज़मीन को इज़ारयल से मुक्त कराने के लिए प्रदर्शन करते हैं। इसी प्रदर्शन में ये बच्चा भी शामिल था। उसने इज़रायली सेना द्वारा फेंके जाने वाले आंसू गैस के गोलों की गंध से बचने के लिए प्याज की झिल्ली से अपना मास्क बनाया था। इस बच्चे यानी अयाश की तस्वीर सामने आने के बाद पूरी दुनिया में उसे ओनियन ब्वाय की पहचान मिली है।

मोहम्मद अयाश का कहना है कि “मेरा लक्ष्य है कि मैं अपनी ज़मीन वापस लूँ, अपने दादा की ज़मीन वापस लूँ, और अपने परिवार की यादें वापस लूँ”। अयाश की ये फोटो ग़ाज़ा-इज़रायल बॉर्डर पर हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान ली गई थी। वो इस प्रदर्शन में फ्रंट लाइन पर था। मोहम्मद अयाश ग़ाज़ा के ‘Land Day Protest’ का चेहरा बन गया। इस प्रदर्शन में 18 फिलिस्तीनी मारे गए थे जबकि 1,000 से ज़्यादा घायल हो गए थे।

मोहम्मद अयाश का कहना है कि वो इज़रायलियों से बिलकुल नहीं डरता। बल्कि वो हमसे डरते हैं। वो हमसे इसलिए डरते हैं कि उनके पास उनकी ज़मीन नहीं है। मोहम्मद अयाश के एक रिश्तेदार की इस प्रदर्शन के दौरन मौत भी हो गयी थी। अयाश के पिता का कहना है कि उनका बेटा 15 मई को नकबा में होने वाले Seventieth Anniversary Commemoration के लिए भी तैयार है।

मालूम हो कि 15 मई को ही फिलस्तीनियों को उनकी ज़मीन से बेदखल किया गया था। ये प्रदर्शन उसी ऐतिहासिक त्रासदी को याद करने के तौर पर मनाया जाता है। मंगलवार को ही मोहम्मद अयाश के घर में उसकी छोटी बहन पैदा हुई है। इसका नाम फिलिस्तीनी विरोध का चेहरा बन चुकी अहद अल तमीमी के नाम पर ही रखा गया है।

फिलस्तीनियों के संघर्ष, उनके दर्द और इज़रायल के विरोध को इस छोटी सी घटना से समझ सकते हैं। सिर्फ नौ साल के बच्चे मोहम्मद अयाश के जज़्बे को देखकर समझ सकते हैं कि खाली हाथ होते हुए भी इनके हौसले चट्टान से भी मज़बूत हैं।