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17 Oct 2024, Thu

प्रयागराज, यूपी

उत्तर प्रदेश में बीजेपी सरकार आने के बाद से कई जिलों के नाम भले ही बदल दिए गए हो लेकिन हालत आज भी उतनी ही ख़राब है जितनी पहले हुआ करती थी। ऐसा ही एक घटना इलाहबाद से बदलकर बने प्रयागराज में देखने को मिला। शव ढोने के लिए सरकारी शव वाहन की उपलब्धता नहीं है और उसे देने में आनाकानी, सिस्टम के मकड़जाल में फंसे एक किसान की सिसकियां द्रवित करने वाली थीं।

मानवता को शर्मसार कर देने वाला ये मामला उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में सामने आया है। यहां इलाज के दौरान एक महिला मरीज की मौत हो गई। लेकिन एंबुलेंस की सुविधा न मिल पाने के कारण मजबूर पति अपनी पत्नी की लाश को 45 किलोमीटर तक ठेले पर रखकर घर पहुंचा। रास्ते में उसकी हालत देखने वालों ने अफसोस जताया लेकिन कोई मदद को आगे नहीं आया।

बता दें कि एसआरएन अस्पताल में पांच दिन पहले शंकरगढ़ से आए कल्लू ने पत्नी सोना देवी को सिर में लगी चोट का इलाज कराने को भर्ती कराया था। जहां गुरुवार को इलाज के दौरान सोना की मौत हो गई। पत्नी की मौत से अकेला पड़ गया कल्लू बच्चों के साथ दहाडे़ं मारकर रोया। उसने शव को ले जाने के लिए अस्पताल प्रशासन से एंबुलेंस मांगी लेकिन नहीं मिली, बताया गया कि शव वाहन भी उपलब्ध नहीं है।

निजी एंबुलेंस चालक तीन हजार रुपये मांगने लगे तो गरीब कल्लू भटकने लगा। मजबूरी में उसने रिक्शा ट्राली पत्नी का शव रखा और घर की ओर निकल पड़ा। गरीबी और लाचारी में एसआएन अस्पताल से रिक्शा ट्राली में पत्नी का शव रखकर वो उसे शहर से लगभग 45 किलोमीटर दूर शंकरगढ़ तक ले गया।

By #AARECH