डॉ अशफाक अहमद
नई दिल्ली
कभी पीएम नरेंद्र मोदी के बेहद करीबियों में शामिल रहीं स्मृति ईरानी अब दूर होती जा रही हैं। कल सोमवार को हुए मंत्रिमंडल फेरबदल में उनके हाथ से सूचना और प्रसारण मंत्रालय छीन लिया गया। इस पहले वो मानव संसाधन मंत्रालय से हटाई गई थी। अब स्मृति ईरानी के पास कपड़ा मंत्रालय का प्रभार बचा है। 2014 के लोक सभा चुनाव में राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ने और लगातार उन पर हमले को लेकर स्मित ईरानी हमेशा सुर्खियों में रही हैं।
सूचना और प्रसारण मंत्रालय से हटाई गईं स्मृति ईरानी हाल फिलहाल में कई विवादों को लेकर सुर्खियों में थी। सूचना औऱ प्रसारण मंत्रालय में स्मित ईरानी के कामकाज और उनके कई आदेशों को लेकर तमाम तरह के विवाद हुए हैं। शायद इन्हीं विवादों के चलते उन्हें इस अहम मंत्रालय से हटाया गया। सबसे ताज़ा विवाद उर्दू दुनिया के मशहूर शायर फैज़ अहमद फैज़ की बेटी मोनिज़ा हाशमी को लेकर हुए विवाद का है। मोनिज़ा पाकिस्तान से भारत एक प्रोग्राम में हिस्सा लेने आई थी। वो एयरपोर्ट से होटल पहुंची तो पता चला कि उनका कमरा कैंसिल कर दिया गया है और उन्हें पाकिस्तान वापस भेजने को कह दिया गया है। इस घटना से अन्तर्राष्ट्रीय स्तर काफी आलोचना हुई। ये प्रोग्राम स्मृति ईरानी के मंत्रालय द्वारा कराया जा रहा था।
पहला विवाद प्रसार भारती के अध्यक्ष से कुछ नियुक्तियों को लेकर हुआ था। इस विवाद के बाद बतौर सूचना और प्रसारण मंत्री ईरानी ने इस स्वायत्तशासी संस्था के फंड पर रोक लगा दी थी। इसके बाद इसकी वेबसाइटों के लिए नियमावली बनाने को लेकर भी वह विवादों में रहीं। पत्रकारों के फेक न्यूज के फैलाने पर लगाम लगाने के लिए सज़ा का प्रावधान करने का नियम उनके मंत्रालय ने बनाया तो विवाद खड़ा हो गया। इस मामले में प्रेस की स्वयत्तता को लेकर सवाल खड़े हुए और मीडिया में इसका पूरज़ोर विरोध हुआ। इसके साथ ही स्मित ईरानी की कड़ी आलोचना हुई। मामला इतना बड़ा कि खुद पीएम नरेंद्र मोदी को हस्तक्षेप करना पड़ा। इसके बाद मंत्रालय ने इस प्रावधान को वापस ले लिया।
ताज़ा विवाद राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह को लेकर हुआ। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सार्वजनिक कार्यक्रमों के लिए केवल एक घंटा देने का नियम बनाया है। इसके बाद मंत्री स्मृति ईरानी ने इस दौरान 130 पुरस्कारों में से सिर्फ 11 पुरस्कार राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों दिलाने का फैसला किया। बाकी पुरस्कार उन्होंने खुद देने का फैसला लिया। इस मामले में पुरुष्कार पाने वालों के साथ-साथ कई फिल्मी हस्तियों ने इसका विरोध किया। इस मामले में भी मंत्रालय की काफी किरकिरी हुई।
इस मामले में करीब 60 हस्तियों ने पुरस्कार लेने से ही इनकार कर दिया था। इस विवाद पर राष्ट्रपति भवन ने गहरी नाराज़गी जताई थी। स्मित ईरानी के सूचना प्रसारण मंत्री रहते भी उनके कई फैसलों की आलोचना हुई थी। शायद यही वजह है कि पीएम नरेंद्र मोदी ने उनसे सूचना और प्रसारण मंत्रालय ले लिया। पीएम मोदी ने सूचना एवं प्रसारण के राज्यमंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को स्वतंत्र प्रभार देकर उन्हें इस मंत्रालय की पूरी जिम्मेदारी सौंप दी है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का अतिरिक्त कार्यभार संभाल रही स्मृति ईरानी के पास सिर्फ कपड़ा मंत्रालय की जिम्मेदारी बची है। उम्मीद है कि स्मृति ईरानी कपड़ा मंत्रालय में ज़्यादा समय देकर पीएम मोदी और सरकार की हो रही बार-बार किरकिरी से बचाएंगी।