Breaking
16 Oct 2024, Wed

संघ के नागपुर मुख्यालय पर तिरंगा क्यों नहीं फहराते: इरफान हबीब

अलीगढ़, यूपी

देशभर में सेंट्रल यूनिवर्सिटी में तिरंगा फहराने की अनिवार्यता पर मशहूर इतिहासकार प्रो. इरफान हबीब ने आरएसएस पर निशाना साधा। अलीगढ़ यूनिवर्सिटी स्टाफ क्लब में आयोजित एक सभा में प्रो इरफान हबीब ने कहा कि आरएसएस से जुड़े लोग खुद को देशभक्त मानते हैं। अगर ऐसा है तो वे आरएसएस मुख्यालय पर तिरंगा क्यों नहीं फहराते।

सीपीआई और सीपीएम की तरफ से आयोजित ‘सोलिडिरेटी विद जेएनयू’ विषय पर सभा में इतिहासकर प्रो इरफान हबीब ने कहा कि 27 सितंबर 1948 को देश की पहली सरकार आरएसएस को राष्ट्रविरोधी घोषित कर चुकी है। उस वक्त पीएम कार्यालय से जारी बयान में कहा गया था कि इनके खिलाफ बंटवारे के वक्त राष्ट्रविरोध गतिविधियों के साक्ष्य सरकार के पास हैं। यही नहीं प्रो हबीब ने कहा कि जिस सरदार पटेल की ये बड़ी मूर्तियां लगा रहे हैं, 1948 में ही उन्होंने पंडित नेहरू को लिखे पत्र में इन्हें एक विशेष समुदाय के लोगों के कत्ल का दोषी करार दिया था। 1948 में सरदार पटेल ने इन्हें नेशनल फ्लैग मानने को कहा था, जिसे इन्होंने नहीं माना।

आरएसएस मुख्यालय पर अब भी भगवा झंडा फहरता है, देश का तिरंगा नहीं फहराता। ये संगठन महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता भी नहीं मानता। प्रो हबीब ने सवाल खड़ा किया कि राष्ट्र विरोधी कौन है। प्रो. हबीब ने कहा कि जर्मनी में जैसा नाज़ियों ने किया, वही साजिश भारत में की जा रही है। पहले हैदराबाद और अब जेएनयू में सिविल लिबर्टीज को तोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। यूनिवर्सिटी में मुद्दों पर बहस बंद करने की कोशिश हो रही है। इसके लिए एबीवीपी का इस्तेमाल किया जा रहा है।