अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता के मामलों पर नज़र रखने वाले अमेरिकी आयोग USCIRF ने बीते कल ही एक रिपोर्ट जारी कर कहा था कि भारत में अल्पसंख्यकों के साथ उत्पीड़न बढ़ा है। जिसके बाद व्हाइट हाउस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत भारत के 5 ट्विटर हैंडल को अनफॉलो कर दिया है।
हालांकि भारतीय ट्विटर हैंडल्स को अनफॉलो किए जाने की वजह अमेरिका की ओर से नहीं बताई गई है। लेकिन कुछ लोगों का मानना है कि ऐसा USCIRF की उस रिपोर्ट की वजह से किया गया है, जिसमें बताया गया है कि भारत में अल्पसंख्यकों के साथ उत्पीड़न के मामलों में इज़ाफ़ा हुआ है। वहीं कुछ लोगों का ये भी मानना है कि ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि भारत ने अमेरका को कोरोना से लड़ने के लिए जो दवा मुहैया कराई थी वो ज़्यादा कारगर साबित नहीं हुई।
बता दें कि व्हाइट हाउस ने इसी महीने की 10 तारीख़ को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत भारत के 5 ट्विटर हैंडल को फॉलो करना शुरू किया था। तब माना जा रहा था कि ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि कुछ दिन पहले ही भारत ने अमेरिका को कोरोना वायरस से लड़ाई के लिए हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन देने का फैसला लिया था। माना जा रहा था कि भारत सरकार के इसी कदम का शुक्रिया अदा करने के लिए व्हाइट ने भारतीय ट्विटर हैंडल्स को फॉलो किया।
जब व्हाइट हाउस ने पीएम मोदी के ट्विटर अकाउंट को फॉलो करना शुरू किया था तब इसे पीएम मोदी की बड़ी उपलब्धि बताया गया था। कई पत्रकारों ने पीएम मोदी की तारीफ़ करते हुए कहा था कि जो व्हाइट हाउस किसी भी गैर अमेरिकी ट्विटर हैंडल को फॉलो नहीं करता उसने पीएम मोदी को फॉलो कर लिया। ये बात सच है कि व्हाइट हाउस इससे पहले किसी भी गैर अमेरिकी ट्विटर हैंडल को फॉलो नहीं कर रहा था।
भारतीय ट्विटर हैंडल्स को फॉलो किए जाने के बाद व्हाइट हाउस की फॉलोइंग लिस्ट 19 हो गई थी, जिसमें सभी विदेशी हैंडल भारत से ताल्लुक रखते थे। अब कुछ दिन के बाद व्हाइट हाउस ने वापस इन सभी ट्विटर हैंडल को अनफॉलो कर दिया है और फिर से सिर्फ अमेरिकी प्रशासन, डोनाल्ड ट्रंप से जुड़े ट्विटर हैंडल को फॉलो करना शुरू कर दिया है। व्हाइट हाउस अब सिर्फ 13 ट्विटर हैंडल को फॉलो कर रहा है।
व्हाइट हाउस द्वारा जिन ट्विटर हैंडल्स को अनफॉलो किया गया है उनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री कार्यालय, राष्ट्रपति भवन, अमेरिका में भारतीय दूतावास और भारत में अमेरिकी दूतावास शामिल हैं।
बता दें कि USCIRF की रिपोर्ट में भारत में अल्पसंख्यकों कि स्थिति को लेकर चिंता व्यक्त की गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुस्लिम और दूसरे अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के खिलाफ चलाए गए उत्पीड़न और हिंसा के अभियान को रोक पाने में नाकाम रहे हैं।