लखनऊ, यूपी
संविधान बचाओ देश बचाओ अभियान उत्तर प्रदेश के कन्वीनर अमीक जामेई ने लखनऊ प्रशासन द्वारा 19 दिसंबर प्रोटेस्ट में प्रदेश के प्रतिष्ठित व्यक्तियों को पहले दंगाई घोषित करना फिर उनके नाम फोटो होर्डिंग पर लगाने के मामले में घोर विरोध जताया है। उन्होंने कहा अभी अदालत में मामला चल रह है जिसपर कोई फैसला नहीं हुआ। फिर बिना जज बिना अदालत के फैसले के आप निर्दोषों की राईट टू प्राइवेसी और राईट टू लाइफ के अधिकारो पर हमला कैसे कर सकते है?
उन्होने पुछा है कि क्या उत्तर प्रदेश की अजय सिंह बिष्ट सरकार खुद को अदलत से ऊपर समझती है। अगर ऐसा है तो उसे बताना चाहिए की इस देश में उसने बाबा साहेब अम्बेडकर के संविधान को त्याग दिया है और यह देश अब मनुस्मृति के आधार पर चलेगा।
उत्तर प्रदेश में एंटी CAA NPR NRC संघर्ष को खड़ा करने वाली तहरीक संविधान बचाओ देश बचाओ अभियान SBDBA (उत्तर प्रदेश) ने जारी प्रेस नोट में कहा कि अभी जब यह तय नहीं हुआ की 19 दिंसबर का आरोपी कौन है, किसने आगजनी की, फिर कैसे आप लखनऊ के नागरिको की फोटो जेबकतरों की तरह चौराहे पर लगा सकते हैं?
अमीक जामेई ने कहा की SBDBA ने 19 दिसंबर मामले में 24 लोगो की बेल ली है। बेल के दौरान तत्कालीन लखनऊ सेशन कोर्ट के जज ADJ-1 जज एसएस पाण्डेय ने लखनऊ पुलिस को फटकार लगाते कहा था कि आप आरोपियों के सरकारी संपत्ति व आगज़नी करने के फोटो विडियो दीजिये लेकिन लखनऊ पुलिस यह सबूत अदालत को नहीं दे सकी थी। जिसके चलते अदालत से बेल ग्रांट होनी शुरू हुयी। उसी जेल से रिहा प्रदेश के प्रतिष्ठित व्यक्तियों पर गैरकानूनी कार्यवाही करते हुए संपत्ति की रिकवरी का ज़िम्मेदार ठहरा रही है। यह कार्यवाही पूर्णता योगी सरकार के इशारे पर NPR NRC का विरोध करने की वजह से हो रही है।
संविधान बचाओ देश बचाओ अभियान के कन्वीनर अमीक जामेई ने कहा सम्बंधित मामले में इलाहबाद हाई कोर्ट बेंच से रिकवरी पर स्टे आया हुआ है लेकिन संविधान विरोधी योगी सरकार अदालत के निर्देश तक को मानने तक को तैयार नहीं है। यह कृत दिखाता है कि भाजपा सरकार अदालत और संविधान विरोधी है। जामेई ने कहा कि आखिर सांस तक संविधान के मूल्यों के प्रति लड़ाई जारी रखेंगे। उन्होंने पूछा कि 19 दिसंबर के बाद प्रदेश में 23 युवको की हत्या उत्तर प्रदेश पुलिस के द्वारा हुयी, संपत्तियों को लूटा गया और प्रदर्शनकारियों को प्रताड़ना दी गयी। उन्होंने पूछा इन हत्याओ का ज़िम्मेदार कौन है?
संविधान बचाओ देश बचाओ अभियान के कन्वीनर अमीक जामेई ने कहा है कि हम राईट टू प्रोटेस्ट के अधिकारो को अदालत से हासिल करेंगे। सरकार इस घोर संविधान विरोधी रवैये के खिलाफ हमारी लीगल टीम देश के वरिष्ठ वकीलों के ज़रिये रिकवरी के इस फैसले को चैलेन्ज करेंगे।