मेरठ, यूपी
शहर में लाखों की जुटी भीड़। हर जुबान पर बस एक ही नारा… हिंदुस्तान जिंदाबाद। सभी दिलों में वतन परस्ती का जज़्बा। दरअसल ये जुटी थी फैज-ए-आम कॉलेज के मैदान में और मौका था जमीयत उलेमा-ए-हिंद की तरफ से आयोजित विशाल जलसे का। इस जलसे में देश के सभी धर्मों के लोग इकठ्ठा हुए और सभी धर्मों के वक्ताओं ने एलान किया कि बस, अब बहुत हुआ। वक्त आ गया है कि मज़हब से ऊपर उठकर हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सभी लोग एकजुट होंगे और फिरकापरस्तों का विरोध करेंगे, जो उन्हें बांटने की कोशिश कर रहें हैं। ऐसे मुट्ठी भर सिरफिरे लोग उन्हें आपस में लड़ा नहीं सकते।
जमीयत उलेमा-ए-हिंद की तरफ से फैज-ए-आम कॉलेज में ‘हुसूल-ए-इंसाफ कॉन्फ्रेंस’ का आयोजन किया गया। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के इस हुसूल-ए-इंसाफ कॉन्फ्रेंस में उमड़े जनसैलाब को संबोधित करते हुए जमीयत के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना सैयद महमूद मदनी ने कहा कि लोगों को बेवकूफ बनाकर सत्ता कब्जाने वाले यह गलतफहमी न पालें कि यह हर बार होगा।
मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि यह शार्ट टर्म प्लान नहीं चलेगा। लांग टर्म प्रक्रिया अपनानी होगी। उन्होंने कहा कि मुसलमान बाई चांस इंडियन नहीं, बाई च्वॉइस इंडियन हैं। वतन से प्यार था इसलिए भारत में रुके। उन्होंने कहा कि इस्लाम के नाम पर बनाए जा रहे एक स्थान पर नहीं गए, क्योंकि अपना मुल्क तो भारत है। मौलाना मदनी ने कहा कि हुकूमतों के बदलने से हालात नहीं बदलते, किरदार बदलो।
मौलाना मदनी ने कहा कि इस्लाम की मुखालफत किसी सूरत में मंजूर नहीं है। ऐसा करने वालों की आंखें निकाल ली जाएंगी। बड़े दुश्मन वे कुछ मुसलमान हैं जिनकी वजह से पूरी कौम बदनाम हो रही है। उनसे भी हमें ही लड़ना होगा। हमें कोई देवबंदी या बरेलवी के नाम पर लड़ाएगा तो उसे करारा जवाब दिया जाएगा। इस्लाम के नाम पर कत्ल करने वालों से भी हम डटकर लड़ेंगे।
मौलाना मदनी ने कहा कि जलसा किसी हुकूमत का विरोध नहीं कर रहा है, पर सूबे के हाकिमों ने मुसलमानों को 18 प्रतिशत आरक्षण देने का वायदा किया था, उसे तो पूरा करे। हमें पता था कि वह झूठा वायदा था और चुनावी छलावा था। पर 18 न सही, जितना हक बनता है उतना ही दे दें। जो पार्टी हक नहीं देगी वह देश की गद्दार है।
जमीयत के अध्यक्ष मौलाना सैयद अरशद मदनी ने कहा कि मुल्क को तबाही की ओर ले जाने से बचाओ और हिंदू, मुसलमान, सिख, ईसाई सभी मिलकर रहो। उन्होंने कहा कि आग से आग नहीं बुझाई जा सकती है। इसके लिए पानी की ज़रूरत होती है। मज़हब किसी की दिली पसंद हो सकता है, पर सभी इंसान हैं और एक ही पिता और मां की संतान हैं।
कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि जुल्म की सरकार के खिलाफ यहीं से बगावत का एलान करना होगा। उन्होंने बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद पर बैन लगाने की मांग की। जलसे की सदारत जमीयत के पश्चिमी उप्र के अध्यक्ष मौलाना जहूर तथा निज़ामत कारी शौकत ने की।
इस मौके पर मौलाना नौमान, शहर काज़ी जैनुस साजीद्दीन, कारी सलमान, विधायक गुलाम मोहम्मद, मोहम्मद यूसुफ कुरैशी, कारी अमीर आज़म, नायब शहर काज़ी जैनुर राशीद्दीन, शाहीन जमाली, मुफ्ती अफ्फान, फादर मुनीस जॉनसन, मनजीत सिंह कोछड़, ज्ञानी संता सिंह समेत कई धर्मगुरु मौजूद रहे।