काज़ी फराज़ अहमद की फेसबुक की वाल से
लखनऊ, यूपी
यह नफरत से पनपती ख़ूनी हिंसा का दौर है। अगर आप ख़ुद को, अपने परिवार को और शुभचिंतकों को 21वीं सदी के इस दुर्भाग्यपूर्ण दौर में सुरक्षित देखना चाहते हैं, तो मेरी बिना माँगें एक सलाह किसी पोटली में बाँध कर रख लीजिये।
अगर आपके आस-पास कोई भी व्यक्ति किसी भी आधार पर एक इंसान को दूसरे इंसान के प्रति धर्म के नाम पर, जाति के नाम पर, सम्प्रदाय के नाम पर, क्षेत्र के नाम पर, भाषा के नाम पर और अन्य किसी भी चीज़ के नाम पर नफ़रत, घृणा, हिंसा फैला रहा हो तो उससे आप हमेशा के लिए दूर हो जायें। चाहे सोशल मीड़िया हो या फिर सार्वजनिक जीवन हो उससे तुरंत दूर हो जाएं।
दरअसल ये वे चलते फ़िरते रेंगते हुए बेरोजगार बारूद या यों कहें कि आत्मघाती दस्ते हैं। वो कभी फट सकते हैं और आपको अपूर्ण क्षति हो सकती है। अतः ऐसे लोगों को फ़ेसबुक से और व्हाट्सएप ग्रुप पर से तुरंत ब्लॉक करें। क्योंकि वे #BlueWhale के #Hatred वर्जन के आखिरी स्टेज में चल रहें है।
(काज़ी फराज़ अहमद सीनियर जर्नलिस्ट हैं और ईटीवी लखनऊ से जुड़े हैं)