पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं जाने-माने अधिवक्ता वकील राम जेठमलानी का रविवार सुबह यहां उनके आवास पर निधन हो गया। वह 95 वर्ष के थे। जेठमलानी मौजूदा समय में राज्यसभा के सांसद थे और काफी समय से बीमार चल रहे थे। श्री जेठमलानी के बेटे महेश जेठमलानी भी जाने-माने अधिवक्ता हैं और उनकी एक बेटी अमेरिका में रहती हैं।
जेठमलानी का जन्म सिंध प्रांत के सिखारपुर में 14 सितंबर 1923 को हुआ था। वह पहली बार 1959 में के एम नानावती बनाम महाराष्ट्र सरकार का मामला लड़ने के बाद चर्चित हुए थे। उन्होंने राजीव गांधी के हत्यारों के पक्ष में भी केस लड़ा था और शेयर बाजार घोटाले में हर्षद मेहता तथा केतन पारेख का मामला भी लड़ा था।
जेठमलानी पढ़ने में मेधावी रहे। दूसरी, तीसरी और चौथी कक्षा की पढ़ाई एक साल में ही पूरी कर ली थी और मात्र 13 साल की उम्र में मैट्रिक पास कर गये थे।
जेठमलानी के पिता बोलचंद गुरमुख दास जेठमलानी और दादा भी वकील थे। पाकिस्तान बनने के बाद वह एक दोस्त की सलाह पर मुंबई आ गए थे। यहां उन्होंने रिफ्यूजी कैंप में काफी दिनों तक रहे।
उन्होंने 17 साल की उम्र में वकालत की डिग्री हासिल कर ली थी। जेठमलानी ने 1959 में केएम नानावती बनाम महाराष्ट्र सरकार का पहला केस लड़ा था और वह उससे काफी मशहूर हो गए थे। इसमें जेठमलानी ने यशवंत विष्णु चंद्रचूड़ के साथ केस लड़ा था और बाद में चंद्रचूड़ देश के चीफ जस्टिस भी बने।
जानें किसने क्या कहा:
पीएम ने जताया दुख
पीएम ने कहा, ‘राम जेठमलानी के रूप में देश ने एक शानदार वकील और प्रतिष्ठित व्यक्ति को खो दिया है। उनका योगदान से कोर्ट और संसद दोनों के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कभी भी किसी भी मुद्दे पर अपनी भावनाएं व्यक्त करने में हिचकिचाहट महसूस नहीं की। उनकी सबसे बड़ी खासियत यह थी कि वह सिर्फ अपने मन की बात बोलते थे। उन्होंने बिना किसी डर के ऐसा किया।
आपातकाल के दौरान उन्होंने जनता के लिए लड़ाई लड़ी। जरूरतमंद के साथ खड़ा होना भी उनकी बड़ी खासियत थी। मैं अपने आप को भाग्यशाली समझता हूं कि कई मौकों पर उनसे बात करने का मौका मिला। दुख की घड़ी में उनके परिवार, मित्रों और समर्थकों के प्रति मेरी संवेदनाएं। वह आज भले ही यहां न हों, लेकिन उनके किए गए कार्य हमेशा रहेंगे।’
In the passing away of Shri Ram Jethmalani Ji, India has lost an exceptional lawyer and iconic public figure who made rich contributions both in the Court and Parliament. He was witty, courageous and never shied away from boldly expressing himself on any subject. pic.twitter.com/8fItp9RyTk
— Narendra Modi (@narendramodi) September 8, 2019
शाह ने दी श्रद्धांजलि
गृहमंत्री अमित शाह ने जेठमलानी के आवास पर पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा, ‘पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी के निधन से दुखी हूं। उनके रूप में हमने न सिर्फ एक दिग्गज वकील को बल्कि एक अच्छे इंसान को भी खो दिया है। जेठमलानी जी का जाना पूरे विधि क्षेत्र के लिए बड़ी क्षति है। कानूनी मामलों में उनकी जानकारी के लिए उन्हें सदैव याद किया जाएगा। उनके परिवार के प्रति मेरी संवेदनाएं।’
Delhi: Union Home Minister Amit Shah pays last respects to veteran lawyer and former Union Minister Ram Jethmalani at the latter's residence. Ram Jethmalani passed away this morning at the age of 95. pic.twitter.com/HCKoXZOplS
— ANI (@ANI) September 8, 2019
दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने कहा, जेठमलानी जी के निधन पर गहरा दुख हुआ
Extremely saddened at the passing away of legendary lawyer Ram Jethmalani ji. An institution in himself, he shaped criminal law in post-independence India. His void would never be filled and his name will be written in golden words in legal history.
RIP Ram sir
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) September 8, 2019
रविशंकर प्रसाद ने अनुभवी वकील और पूर्व कानून मंत्री राम जेठमलानी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया
1959 में पहला चर्चित केस
राम जेठमलानी का जन्म 14 सितंबर 1923 को सिंध प्रांत के शिकारपुर में हुआ था। इनका पूरा नाम राम बूलचंद जेठमलानी था। ट्रायल कोर्ट, हाई कोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट में उन्होंने कई बड़े केस लड़े थे। उनका पहला सबसे चर्चित केस 1959 में आया, जब वे केएम नानावती बनाम महाराष्ट्र राज्य केस में वकील थे।
आज होगा अंतिम संस्कार
जेठमलानी के बेटे महेश जेठमलानी ने बताया कि कुछ दिन बाद 14 सितंबर को राम जेठमलानी का 96वां जन्मदिन आने वाला था। महेश ने बताया कि उनके पिता का अंतिम संस्कार यहां लोधी रोड स्थित शवदाहगृह में शाम को किया जाएगा। जेठमलानी के परिवार में उनके बेटे महेश के अलावा उनकी एक बेटी है, जो अमेरिका में रहती है। उनकी एक अन्य बेटी रानी जेठमलानी का 2011 में और एक अन्य पुत्र जनक जेठमलानी का निधन हो चुका है।
अफजल गुरु की फांसी का बचाव
उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्यारों का मद्रास हाई कोर्ट में 2011 में केस लड़ा। स्टॉक मार्केट घोटाला केस में उन्होंने हर्षद मेहता और केतन पारेख का केस भी लड़ा। उनका सबसे विवादित केस अफजल गुरु की फांसी का बचाव करना था। बहुचर्चित जेसिकालाल हत्याकांड में उन्होंने मनु शर्मा का केस भी लड़ा था।
वाजपेयी के खिलाफ भी लड़ा चुनाव
साल 2010 में उन्हें सुप्रीम कोर्ट बार असोसिएशन का अध्यक्ष भी चुना गया था। छठी और सातवीं लोकसभा में जेठमलानी बीजेपी के टिकट पर मुंबई से सांसद भी चुने गए थे। उन्होंने वाजपेयी सरकार में केंद्रीय कानून मंत्री और शहरी विकास मंत्री की भूमिका भी निभाई थी। साल 2004 में उन्होंने लखनऊ से अटल बिहारी वाजपेयी के खिलाफ भी चुनाव लड़ा। उनके बेटे महेश जेठमलानी भी बड़े वकील हैं, एक बेटी अमेरिका में रहती है। जबकि एक बेटी का निधन हो चुका है।