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20 Oct 2024, Sun

वाराणसी, यूपी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी में सवा साल की एक बच्ची हफ्तेभर से अपनी मां और पिता के घर लौटने का इंतजार रही है। माता-पिता को अपने आसपास ना पाकर बच्ची उदास रहने लगी है और मुश्किल से खा-पी रही है। बच्ची के परिवार वाले उसका दिल बहलाने और दूध पिलाने के लिए उसे झूठा दिलासा दे रहे हैं।

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में ‘क्लाइमेट एजेंडा’ नाम का एनजीओ चलाने वाले सामाजिक कार्यकर्ता एकता और रवि शेखर की बेटी चंपक का ध्यान फिलहाल उसकी दादी शीला तिवारी रख रही हैं। एकता और शेखर को पुलिस ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन में कथित रूप से शामिल होने के सिलसिले में गिरफ्तार किया है।

पुलिस के मुताबिक, उनके खिलाफ संगीन धाराएं लगाई गई हैं। हालांकि, उन्हें अबतक अदालत से जमानत नहीं मिली है। अदालतों में छुट्टी रहने की वजह से जमानत पर सुनवाई दो जनवरी के बाद ही होने के आसार हैं।

दरअसल, सीएए के खिलाफ 19 दिसंबर को शहर में हुए प्रदर्शन के बाद पुलिस ने कई लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें इस नन्ही बच्ची की मां एकता और पिता रवि शेखर भी शामिल हैं।

बच्ची की दादी ने बताया कि बेटे और बहू के गिरफ्तार हो जाने के बाद से बच्ची को संभालने में बहुत दिक्कत हो रही है। बच्ची अपनी मां के बिना इतने दिन से रह रही है, उसपर क्या बीत रही है, यह हम लोग समझ रहे हैं। बच्ची ने खाना-पीना छोड़ दिया है और वह बहुत उदास रह रही है।

उन्होंने बताया, ”बच्ची बिल्कुल नहीं खा रही है। अपनी मां और पिता को याद करती रहती है। हम दिलासा दे कर किसी तरह दो-चार चम्मच बच्ची को खिलाते हैं। जब वह बहुत ज्यादा मां और पिता को याद करती है तो हम कहते हैं कि आपके मम्मी-पापा दफ्तर गए हैं। अभी आ जाएंगे। इसके बाद इधर-उधर अपने माता-पिता को तलाश करती है और उदास बैठ जाती है।”

उन्होंने कहा, ”बच्ची का मन बहलाने के लिए हम उसे मोबाइल में तरह-तरह की चीजें दिखाते हैं। वह इतना मोबाइल देख रही है जिससे उसकी आंखे लाल रहने लगी हैं।” शीला तिवारी ने बताया, ”चंपक रात को सोते-सोते उठ जाती है और माता-पिता को खोजने लगती है और उनके नहीं मिलने पर रोने लगती है।” उन्होंने कहा, ”एक बच्ची अपनी मां के बिना इतने दिन से रह रही है, उसपर क्या बीत रही है यह हम लोग समझ रहे हैं।”

पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक, बेनियाबाग इलाके में 19 दिसंबर को सीएए के खिलाफ हुए प्रदर्शन के बाद 56 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार किए गए लोगों में बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के भी कुछ छात्र शामिल हैं।

हालांकि, पुलिस अधीक्षक प्रभाकर चौधरी ने विश्वविद्यालय परिसर से किसी भी छात्र को गिरफ्तार किए जाने से इंकार किया है। उन्होंने कहा कि गिरफ्तार किए गए लोग मुख्य रूप से वाम दलों के नेता हैं, जिनमें से कुछ बीएचयू के पूर्व छात्र हो सकते हैं।

 

By #AARECH