नई दिल्ली
देश में कोरोना के खिलाफ टीकाकरण अभियान को शुरू हुए करीब 6 महीने हो गए हैं। देशभर में 27 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है। इसमें से 5 करोड़ लोगों को टीके की दोनों डोज़ लग गई है। इस बीच वैक्सीन के असर को लेकर शुरुआती नतीजे सामने आएं हैं वो भी काफी अच्छे हैं। भारत में कोरोना टास्ट फोर्स के प्रमुख डॉक्टर वीके पॉल का कहना है कि दूसरी लहर के दौरान वैक्सीन लेने वाले हेल्थ वर्कर्स पर वायरस का काफी कम असर दिखा।
डॉ वीके पॉल ने कहा कि जिन लोगों ने वैक्सीन ली उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती होने की नौबत नहीं आई। इसके साथ ही ऐसे लोगों को ऑक्सीजन की भी जरूरत नहीं पड़ी। डॉ पॉल ने ये बातें वेल्लूर स्थित क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज की एक स्टडी के आधार पर कही है। मालूम हो कि कॉलेज ने वैक्सीन के असर को लेकर एक स्टडी की है। इसमें 8,991 हेल्थ वर्कर्स को शामिल किया गया। इनमें से कई ऐसे लोग भी थे जिन्हें वैक्सीन की सिर्फ एक डोज़ दी गई थी। इसी अध्ययन के आधार पर पता चला है कि वैक्सीन 94 फीसदी तक सुरक्षा देती है। साथ ही वैक्सीन लेने वालों को अस्पताल और आईसीयू जाने की नौबत नहीं आती है। इसके अलावा वैक्सीन लेने वालों को ऑक्सीजन सपोर्ट की भी जरूरत नहीं पड़ती है।
डॉ पॉल ने कहा, ‘भारत से ऐसे अध्ययन सामने आ रहे हैं जो दिखा रहा है कि टीकाकरण के बाद लोगों को सुरक्षा मिलती है। स्वास्थ्य कर्मियों पर दो ऐसे अध्ययन हैं, जो जो हाई रिस्क ग्रुप है। अध्ययनों से पता चलता है कि टीकाकरण के बाद अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता 75-80 प्रतिशत तक कम हो जाती है।’
डॉ वीके पॉल ने कहा कि वैक्सीन लेने के बाद सिर्फ 8 फीसदी मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है। इसके अलावा सिर्फ 6 फीसदी मरीजों को ही आईसीयू में भर्ती होने की नौबत आती है। इस लिहाज़ से वैक्सीन से 94 फीसदी तक की सुरक्षा मिल रही है। उन्होंने कहा, ‘ये काफी मजबूत डेटा है। दरअसल हाई रिस्क ग्रुप पर ये स्टडी की गई है। एक दूसरे स्टडी में 7 हज़ार लोगों पर नजर रखी गई और इसमें से सिर्फ एक की मौत हुई। इतना ही नहीं जिस शख्स की मौत हुई उन्हें पहले से कई बीमारियां थी।’