अमेरिका की तरफ से अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर रिपोर्ट 2019 जारी की गई। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने इस रिपोर्ट के जारी किया। रिपोर्ट में चैप्टरवाइज देशों की धार्मिक स्वतंत्रता पर चर्चा की गई है। रिपोर्ट में भारत को भीड़ हिंसा, धर्म परिवर्तन और देश के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों के अल्पसंख्यक दर्जे को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने के सरकार के फैसले पर सवाल उठाए गए हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की केंद्र और राज्य सरकार ने मुस्लिम प्रथाओं और संस्थानों को प्रभावित करने वाले निर्णय लिए हैं। सरकार ने मुस्लिम शैक्षणिक संस्थानों को अल्पसंख्यक दर्जे को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। इससे पाठ्यक्रम संबंधी निर्णयों और भर्ती की स्वतंत्रता प्रभावित होगी। देश में मुस्लिम नाम वाले शहरों के नाम बदलने की भी बात कही गई है। इसमें सबसे प्रमुख इलाहाबाद को प्रयागराज करना शामिल है।
एक्टिविस्टों का कहना है कि यह भारतीय इतिहास में मुसलमानों के योगदानों को मिटाने का प्रयास है। इससे सांप्रदायिक तनाव बढ़ेगा। रिपोर्ट में सांप्रदायिक हिंसा, दंगों और धार्मिक मान्यताओं के आधार पर प्रथाओं का पालन करने में बाधा की बात को भी उठाया गया है। इसमें कहा गया है कि प्रशासन गौरक्षकों के हमलों को रोकने में असफल रहा है। इसमें भीड़ हिंसा, लोगों को डराने-धमकाने और लोगों की हत्या तक शामिल है।
रिपोर्ट के बारे में पाकिस्तान में भी धार्मिक स्वतंत्रता के मुद्दे को उठाया गया है। अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने आसिया बीबी की रिहाई के बाद शुक्रवार को पाकिस्तान से कहा कि ईशनिंद कानून के दुरुपयोग को रोकने के लिए और अधिक कदम उठाए। आसिया बीबी को ईशनिंदा के एक मामले में मौत की सजा दी गई थी, लेकिन बाद में उन्हें छोड़ दिया गया था। यह मामला विश्वभर में चर्चा में रहा था।