नई दिल्ली
दिल्ली उर्दू अकादमी ने 30 जून को इफ्तार पार्टी करने का फैसला किया है। वैसे तो साल भर में अकादमी के खाते में कोई काम नहीं है लेकिन इफ्तार पार्टी ने लिए अकादमी ने 1 करोड़ का भारी भरकम बजट रखा है। इस इफ्तार पार्टी में हज़ारों लोगों को बुलाया गया है। ये सिर्फ पैसे की बर्बादी है और कुछ नहीं। ये इलज़ाम वरिष्ठ पत्रकार और उर्दू अकादमी के सदस्य मुन्ने भारती ने लगाया है।
दरअसल उर्दू अकादमी ने राजनीतिक पेशबंदी के तहत इफ्तार की एक बड़ी पार्टी रखी है। ये इफ्तार 30 जून को होनी है। इसमें 20 हज़ार से ज़्यादा लोगों को दावतनामा भेजा गया है। अकादमी के सदस्य मुन्ने भारती का कहना है कि इसके लिए अकादमी ने एक करोड़ रूपये का बजट एलाट किया है। मुन्ने भारती ने कहा कि ये सिर्फ पैसे की बर्बादी है। उन्होंने कहा कि अकादमी का बजट उर्दू की तरक्की के लिए है न कि इफ्तार पार्टी के लिए। उन्होंने कहा कि कुछ लोग इस पैसे का इस्तेमाल अपनी राजनीतिक महत्वकांक्षा के लिए कर रहे हैं।
मुन्ने भारती ने इस इफ्तार पार्टी का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि पहले मुशाएरा में करोड़ों खर्च किया गया और अब इफ्तार पार्टी के नाम पर पैसे की बर्बादी की जा रही है। मुन्ने भारती ने कहा कि मैंने कई बार उर्दू की तरक्की और उससे जुड़े मसले को लिखकर सीएम, डिप्टी सीएम समेत अधिकारियों को अवगत कराता रहा हूं लेकिन अब तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। मुन्ने भारती ने अफसोस जताया कि उर्दू को मिटाने की कोशिश खुद उर्दू वाले ही कर रहे हैं। यहीं वजह है कि आज उर्दू के नाम लेने वाले कम हो रहे हैं।