लखनऊ, यूपी
बड़ी-बड़ी बातें करने वाले और आरएसएस के प्रति अपनी वफादारी साबित करने वाले यूपी की बीजेपी सरकार में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मोहसिन रजा मुश्किल में हैं। मोहसिन रज़ा का निकाह पंजीकरण कानूनी प्रक्रिया पूरी नहीं होने की वजह से निरस्त हो गया है। मोहसिन रज़ा ने निकाह के करीब 16 साल बाद इसी साल तीन अगस्त को निकाह पंजीकरण का आवेदन दिया था। इसके बाद अपर जिलाधिकारी अनिल कुमार के कार्यालय से प्रमाणपत्र के लिए दो बार मंत्री को फोन से जानकरी दी गई लेकिन उनके उपस्थित नहीं होने की वजह से निकाह पंजीकरण रद्द कर दिया गया।
मालूम हो कि मोहसिन रज़ा ने निकाह के 16 साल बाद रजिस्ट्रेशन कराया था जो 110 दिन बाद रद्द हो गया। हालांकि इस मामले में मंत्री ने सफाई देते हुए कहा है कि उनका पंजीकरण रद्द नहीं हुआ है। इस संदर्भ में जल्द ही सभी कानूनी प्रक्रियाएं पूरी कर ली जाएंगी।
यूपी में बीजेपी की सरकार बनते ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने सूबे में शादियों के पंजीकरण को अनिवार्य कर दिया था। मुस्लिम संगठनों द्वारा सरकार की इस पहल के विरोध के बीच वक्फ और हज मंत्री मोहसिन रजा ने चार अगस्त को अपने निकाह का पंजीकरण करवाकर खूब सुर्खियां बटोरी थीं लेकिन अब उनका ही पंजीयन आवेदन निरस्त हो गया है।
कहा जा रहा है कि तय सीमा में जरूरी कानूनी प्रक्रियाएं पूरी नहीं होने से उनका आवेदन निरस्त हुआ है। अब मंत्री को नए सिरे से प्रक्रिया पूरी करनी होगी। मंत्री मोहसिन रज़ा ने हालांकि इस मामले में सफाई देते हुए कहा कि निकाह पंजीकरण रद्द नहीं हुआ है। कानून के मुताबिक, तीन महीने के भीतर पंजीकरण प्रमाणपत्र ले लेना चाहिए लेकिन मैं व्यस्तता के कारण प्रमाणपत्र लेने नहीं जा सका। इस मामले में आगे जो भी कार्रवाई जरूरी है, उसे पूरा किया जाएगा।