एक तरफ जहां भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर विपक्षी दल ‘हिंदू-मुस्लिम’ विभाजन और ध्रुवीकरण की राजनीति का आरोप लगाते हैं तो दूसरी तरफ भगवा दल का एक नेता दोनों समुदाय के लिए एकता की मिसाल पेश करता है। चुनावी राज्य उत्तर प्रदेश के बहराइच में बीजेपी के एक नेता का ‘मदद महल’ सभी धर्मों के लोगों के लिए मेल-मिलाप का स्थान है। हर सुबह अरुणवीर सिंह हरिहरपुर राइकवारी गांव स्थित अपने घर में बने मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा और चर्च में पूजा करते हैं।
यह उनके लिए कोई नया चलन नहीं है, बल्कि पिछले 5 दशकों से उनका घर सामाजिक एकता का मिसाल बना हुआ है, जिसे लोग ‘मदद महल’ कहते हैं। उत्तर प्रदेश के मुस्लिम बहुल मटेरा सीट से चुनाव लड़ रहे 59 वर्षीय अरुणवीर सिंह मानते हैं कि वह वर्षों से सामुदायिक सद्भावना के लिए जो काम कर रहे हैं, उसका फायदा चुनाव में भी होगा।
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अरुणवीर सिंह के पिता यशवीर सिंह ने मदद महल में 1967 में प्रार्थना स्थल का निर्माण करवाया था। इसका उद्देश्य यह था कि महल गांव और आसपास के क्षेत्रों की मिश्रित संस्कृति का प्रतिनिधित्व कर सके और जहां सभी धर्मों के लोग पूजा कर सकें। अरुणवीर के बेटे करणवीर कहते हैं, ”मिश्रित संस्कृति के लिए सम्मान हमारे खून में है। हमारे दादा स्व. यशवीर सिंह ने मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा और चर्च के साथ बुद्ध मंदिर का भी निर्माण कराया था, ताकि सभी धर्मों के लोग एक साथ बैठकर पूजा कर सकें।
करणवीर कहते हैं, ”महल के दरवाजे सभी जरूरतमंदों के लिए हमेशा खुले रहते हैं। हो सकता है इसलिए महल का नाम मदद पड़ गया। हमारे गांव में मिश्रित आबादी है। जब यहां हवन होता है तो मुस्लिम समुदाय के लोग भी बैठते हैं। हम भी उनकी प्रार्थनाओं में शामिल होते हैं।” अरुणवीर कहते हैं कि उन्हें गर्व है कि वह पीएम मोदी के विजन ‘सबका साथ-सबका विकास’ को हकीकत में प्रतिनिधित्व देते हैं।
अरुणवीर कहते हैं, ”मैं हर चुनावी भाषण में इस बात को गर्व से कहता हूं कि मैं पीएम मोदी के सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास का पूरी तरह पालन करता हूं। हम धर्म और जाति से ऊपर उठकर हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध सभी के लिए काम करते हैं।” अरुणवीर पहले समाजवादी पार्टी में थे और 2016 में बीजेपी में शामिल हुए। वह दो बार विधायक रह चुके हैं। अरुणवीर के छोटे भाई अतुलवीर की पत्नी मंजू सिंह जिला पंचायत की अध्यक्ष हैं।
अरुणवीर कहते हैं कि उनके परिवार और उनकी जो छवि है उसकी वजह से मुस्लिम समुदाय का वोट मिलने की भी उम्मीद है। सपा सरकार के पूर्व मंत्री यासर शाह इस सीट से मौजूदा विधायक हैं। 2017 के चुनाव में उन्होंने अरुणवीर को 1500 वोटों से हराया था। इस बार सपा ने यासर शाह की पत्नी मारिया शाह को मटेरा सीट से उतारा है। कांग्रेस ने 2012 के चुनाव में तीसरे नंबर पर रहे अली अकबर को टिकट दिया है। एआईएमआईएम और बसपा ने भी मुस्लिम उम्मीदवार उतारे हैं। मटेरा में 27 फरवरी को पांचवें चरण में वोटिंग होगी।