लखनऊ, यूपी
यूपी की एटीएस ने आतंकी फंडिंग के एक बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश किया है। एटीएस ने इस नेटवर्क के 10 लोगों को गिरफ्तार किया है। यह नेटवर्क आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के लिए फाइनेंसिंग का काम कर रहा था। गिरफ्तार लोगों में आठ यूपी के बताए जा रहे हैं, जबकि मध्य प्रदेश और बिहार से एक-एक लोग शामिल हैं। इनके पास से 52 लाख रुपये, बड़ी संख्या में डेबिट कार्ड, तीन लैपटॉप, 8 स्वैप मशीन, मैग्नेटिक कार्ड रीडर व एक विदेशी पिस्टल समेत कई अन्य सामान बरामद किए गए हैं।
एटीएस के आईजी असीम अरुण ने मीडिया को बताया कि जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है उनमें प्रतापगढ़ का संजय सरोज और रीवा मध्य प्रदेश का उमा प्रताप सिंह पाकिस्तान के लाहौर में बैठे लश्कर-ए-ताइबा के हैंडलर से सीधे संपर्क में थे। ये सदस्य पाकिस्तान से मिलने वाले निर्देशों पर फर्जी नामों से अलग-अलग बैंकों में खाते खोलते थे। उन खातों में पाकिस्तान, नेपाल और कतर से पैसे ट्रांसफर किए जाते थे। उसके बाद हैंडलर द्वारा बताए गए बैंक खातों में फर्जी खोले गए खातों से ग्रीन कार्ड के जरिये या फिर कैश निकालकर पैसे ट्रांसफर कराए जाते थे। इसके बदले इन लोगों को कुछ कमीशन मिलता था।
आईजी असीम अरुण ने बताया कि इंटेलीजेंस इनपुट और पूर्व की घटनाओं के आधार पर मामले की तफ्तीश की जा रही थी। इसी के आधार पर शनिवार को रीवा के अलावा यूपी के गोरखपुर, प्रतापगढ़ और लखनऊ में छापेमारी कर 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार नौ लोगों को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया है और रीवा के उमा प्रताप को सोमवार को ट्रांजिट रिमांड पर लखनऊ लाया जाएगा।