अहमद जावेद
गाजीपुर, यूपी
917 में चंपारण सत्याग्रह के अवसर पर महात्मा गांधी की हत्या करने का षडयंत्र अंग्रेजों ने रचा था। इसमें अंग्रेज मैनेजर के खानसामा बत्तख मियां ने अपने नम आंखों से महात्मा गांधी को ज़हर का दूध पीने के लिए देने से मना करके जान बचाई थी। ऐसे जाबांज़ बत्तख मिया के लिए और भारत की गंगा जमुनी तहजीब बचाने के लिए केंद्र सरकार को महात्मा गांधी के प्राण रक्षक बत्तख मियां अंसारी के नाम से सेंट्रल यूनिवर्सिटी खोलने की जरूरत है। ये बातें पूर्व डीजीपी मोहम्मद बज़ीर अंसारी ने कहीं।
जनपद मुख्यालय से लगभग 25 किलोमीटर दूर मोहम्मदाबाद तहसील अंतर्गत ग्राम मुरकी खुर्द में अली अहमद एजुकेशनल एंड वेलफेयर सोसाइटी गाजीपुर के तत्वधान में आज शम्स मॉडल स्कूल मुरकी खुर्द के प्रांगण में वर्चुअल संगोष्ठी का आयोजन किया गया। ये संगोष्ठी महात्मा गांधी के प्राण रक्षक बत्तख मियां अंसारी के जन्मदिन पर आयोजित की गई। इसकी अध्यक्षता सूबेदार मेजर (रि) पारसनाथ यादव ने की।
इस अवसर पर मुख्य वक्ता मोहम्मद वजीर अंसारी पूर्व डीजीपी छत्तीसगढ़ मौजूद ने कहा कि बत्तख मियां के देशप्रेमी होने से उनकी तमाम जायदाद के साथ-साथ उनके घर बार को तहस-नहस करके बर्बाद कर दिया गया। उन्हें जेल में डाल कर काफी जुल्म अत्याचार किया गया। जिसकी मिसाल आजतक नहीं मिलती है। अफसोस इस बात की है कि देश की आजादी के बाद वर्ष 1950 में प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद द्वारा 50 एकड़ की भूमि देने की घोषणा को बिहार राज्य सरकार द्वारा आज तक हीलाहवाली किया जा रहा है।
पूर्व डीजीपी मोहम्मद वज़ीर अंसारी ने कहा कि बिहार में भोला पासवान शास्त्री, अब्दुल गफूर, कर्पूरी ठाकुर, लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी, नीतीश कुमार, जीतन राम मांझी जैसे मुख्यमंत्रियों ने भी दलित, पिछड़ी एवं अल्पसंख्यक की राजनीति करने के बावजूद भी बत्तख मियां अंसारी के परिवार को हक नहीं दिया। ये देश के एक सच्चे आज़ादी के रक्षक का अपमान है।
वज़ीर अंसारी ने कहा कि यही नहीं ऑल इंडिया मोमिन कॉन्फ्रेंस, बिहार राज्य मोमिन कान्फ्रेंस, अनसार मोमिन सभा, पसमांदा महाज आदि के साथ-साथ न जाने कितनी सामाजिक संस्थाएं मौजूद होने के बावजूद भी ऐसे मुजाहिदो की तरफ ध्यान किसी का नहीं है। उन्होंने कहा कि जो लोग अपना इतिहास भूल जाते हैं, उन्हें समाज पूरी दुनिया से मिटा देता है।
इस वर्चुअल गोष्ठी में शम्स मॉडल स्कूल के प्रांगण में महात्मा गांधी और उनके प्राण रक्षक बत्तख मियां अंसारी के नाम से एक हाल बनाकर गंगा जमुना तहजीब को कायम रखने के लिए सहमति जाहिर की गईl
इस अवसर पर जयप्रकाश ने विषय का परिचय कराया। नूरुउल हक खान, सलमा परवीन, राजदा खातून ने अपना विचार प्रकट किया। इस वर्चुअल गोष्टी का संचालन नाजिम रजा ने किया। इस अवसर पर मुख्य रूप से सलीम खान, कमरुद्दीन अंसारी, समीउद्दीन खान, सारा जावेद, अदनान रजा, आबिद रियाज खान, सलेहा परवीन, अफसा खानम, खान अहमद जावेद, आकिब खान मुख्य रूप से उपस्थित थे।