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22 Dec 2024, Sun

चेन्नई, तमिलनाडु

तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में इंजनीयरिंग में ग्रेजुएट 21 वर्षीय एस आदित्य कार पार्किंग अटेंडेंट का काम करते हैं। 18,000 रुपये महीने की सैलरी पर वह पार्किंग अटेंडेंट का काम करते हुए स्मार्ट कार पार्किंग के लिए चेन्नई नगर निगम के ऐप का भी प्रचार करते हैं। इस नौकरी के लिए हाईस्कूल पास शख्स भी योग्य हैं, लेकिन करीब 50 से ज्यादा इंजीनियर और एमबीए डिग्री धारी इसी नौकरी के लिए एक प्राइवेट कंपनी से आउटसोर्स किए गए हैं।

आदित्य ने कहा कि वह उनसे कम पढ़े शख्स की नौकरी नहीं छीन रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर कोई हाईस्कूल पास लड़का उनकी जगह होगा तो वह लोगों को तकनीक समझाने में ज्यादा समय लेगा, जबकि हम सिर्फ 2-3 मिनट में लोगों को ऐप की तकनीक समझा देते हैं।

21 साल के अनुभव वाले राकेश भी यहीं काम करते हैं। बतौर टीम लीडर जॉइन करने वाले राजेश यहां अन्य टीम लीड से 55 फीसदी कम सैलरी पर काम कर रहे हैं। राजेश इससे पहले जहां काम कर रहे थे, वह कंपनी बंद हो गई। अपने परिवार में इकलौते कमाने वाले राजेश का 6 साल का एक बेटा भी है।

50 पदों की वैकेंसी के लिए 1500 ने किया अप्लाई
राजेश ने कहा, एमबीए और बीई या कॉलेज खत्म करने के बाद नौकरियां नहीं हैं। ऐसे में अगर कोई 10,000 रुपये या कम की नौकरी दे रहा है, तो लोग वह भी करने को मजबूर हैं। वहीं SS TECH & TOORQ MEDIA SERVICES के असिस्टेंट प्रॉजेक्ट मैनेजर बी रिजवाना खाटू ने बताया कि कार पार्किंग में काम करने के लिए 50 पदों की वैकेंसी निकाली गई थी और 1500 लोगों ने अप्लाई किया। वह कहते हैं, इस काम के लिए 1,500 सदस्यों में से उन्होंने केवल 50 का चयन किया है और उन्हें ट्रेनिंग दी है।

यहां बेरोजगारी की स्थिति का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि कि पिछले साल तमिलनाडु विधानसभा में सफाईकर्मियों के 14 पदों के लिए 4,600 इंजीनियरों, एमबीए और पीएडी होल्डर्स ने आवेदन किया था।

By #AARECH