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22 Dec 2024, Sun

बुढ़ापे में होने वाले मर्ज़ में यूनानी इलाज है काफी कारगर

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लखनऊ, उत्तर प्रदेश

ढलती उम्र यानी बुढ़ापे में हर किसी को अपने स्वास्थ्य के प्रति चिंता होने लगती है। ऐसे में उम्र के इस पड़ाव में ज़रा लापरवाही में कई बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है। वहीं बुढ़ापे में अपने रोज़मर्रा ज़िंदगी के काम करने में भी दुश्वारिया होने लगती है। बुढ़ापे में अमूमन दवाइयां भी कम असर करने लगती है। ऐसे में तिब्ब-ए-यूनानी में अगर इलाज किया जाए तो मरीज़ को काफी फायदा होगा और उस पर साइड इफेक्ट भी कम होगा। ये बातें डॉ कमरुल हसन लारी ने कहीं।

डॉ कमरुल हसन लारी ने यूनानी स्कॉलर एसोसिएशन द्वारा आयोजित सीएमई में “बुढ़ापे में तिब्बे-ए-यूनानी का तरीक-ए-इलाज” ट़ॉपिक पर अपना लेक्चर दिया। सीएमई का आयोजन राजधानी के कैसरबाग में मौजूद एक्सपोर्ट मार्ट के ऑडीटोरियम में किया गया था। इस सीएमई में दो विषयों पर लेक्चर रखा गया था।

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सीएमई के पहले सत्र में “बुढ़ापे में तिब्बे-ए-यूनानी का तरीक-ए-इलाज” में स्टेट तकमिल उत्तिब कॉलेज में रीडर डॉ कमरुल हसन लारी ने विस्तार से बताया कि बुढ़ापे में किस तरह से शारीरिक और मानसिक कमजोरी हो जाती है। उन्होंने कहा कि ऐसे में मरीज़ की काउंसिलिंग करके ही उसका इलाज किया जाना चाहिए। अकसर डॉक्टर बूढे मरीज़ों की परेशानियों को ध्यान से नहीं सुनते हैं। ऐसे में मरीज़ अकेलापन महसूस करता है और उसका इलाज बेहतर तरीके से नहीं हो पाता है। इस सत्र की अध्यक्षता स्टेट तकमिल उत्तिब कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ अब्दुल वहीद, इरम यूनानी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ अब्दुल हलीम, प्रोफेसर अब्दुल कवी, डॉ सलमान खालिद ने की।

सीएमई के दूसरे सत्र में डॉ केएम मुबस्सिर ने “कार्डियो पल्मोनरी सेरेब्रल रिसक्सिएसन” पर लेक्टर दिया। उन्होंने बताया कि आज की मशीनी युग में जब हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। ऐसे सड़क पर दुर्घटनाए लगातार बढ़ रही है। देश में आपातकालीन चिकित्सा व्यवस्था की कमी होने की वजह से दुर्घटनाओं में मृत्युदर ज्यादा है। उन्होंने बताया कि आपातकाल में किस तरह मरीज को प्राथमिक चिकित्सा के साथ कृतिम सांस दी जा सकती है और मरीज़ को बचाया जा सकता है। इस सत्र की अध्यक्षता देवबंद यूनानी मेडिकल कॉलेज के फाउंडर डॉ क्यू जेड कुरैशी, प्रोफेसर डॉ जमाल अख्तर, सीसीआरयूएम के डिप्टी डायरेक्टर डॉ मकबूल अहमद खान ने किया।

सीएमई का संचालन डॉ अयाज़ अहमद ने किया। इस मौके पर यूनानी स्कॉलर एसोसिएशन अध्यक्ष डॉ आमिर जमाल, महासचिव डॉ ज़ुहैर, डॉ फैज़ान अहमद, डॉ परवेज़, डॉ मोबस्सिर, डॉ मुशीर अहमद डॉ अशफाक खान, डॉ इसरार अहमद, डॉ ओबैदुल्ला, डॉ तसनीम जहां खासतौर पर मौजूद रहे।

इस मौके पर यूनानी दवा बनाने वाली कई कंपनियों ने अपने स्टाल भी लगाए थे। इन स्टालों पर काफी संख्या में डॉक्टरों ने विजिट किया और यूनानी दवा के बारे में जानकारी हासिल की इनमें मुख्य रूप से क्योर हर्वल रेमेजीज़, हर्बो ड्रग्स एंड फार्मास्यूटिकल्स, अमोघ फार्मास्यूटिकल्स प्र लि समेत दर्जनों कंपनिया शामिल थी।