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21 Nov 2024, Thu

BUMS से उर्दू सर्टिफिकेट हटाने के बयान पर भड़के यूनानी चिकित्सक

BDA UNANI MEETING ON URDU CERTIFICATE 1 311021

लखनऊ, यूपी

उत्तर प्रदेश के आयुष मंत्री धर्म सिंह सैनी के नीट द्वारा बीयूएमएस में एडमिशन के समय हाई स्कूल के उर्दू सर्टिफिकेट की अनिवार्यता को खत्म करने के बयान को लेकर एक हंगामी बैठक हुई। ये बैठक बीयूएमएस डॉक्टर्स एसोसिएशन के गोलागंज लखनऊ कार्यालय पर हुई। इस मौके पर मौजूद सभी चिकित्सकों ने एक स्वर में नीट द्वारा बीयूएमएस में एडमिशन के बाद हाई स्कूल सर्टिफिकेट की अनिवार्यता की बात हटाने को सिरे से खारिज कर दिया।

इस मौके पर बोलते हुए बीयूएमएस डॉक्टर्स एसोसिएशन के मीडिया इंचार्ज डॉ अशफाक अहमद ने कहा की प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों की एक गहरी साजिश के चलते एक गिरोह यूनानी चिकित्सा को बर्बाद करने पर तुला हुआ है, यह गिरोह सिर्फ अपने जेब को भरने के लिए यूनानी चिकित्सा शिक्षा से उर्दू सर्टिफिकेट की अनिवार्यता को खत्म करना चाहता है। पिछले करीब 2 सालों से यह गिरोह लगातार ऐसी कोशिश कर रहा है, लेकिन यूनानी जगत से जुड़े हुए सभी लोग इस कोशिश को कामयाब नहीं होने देंगे। डॉ अशफाक अहमद ने कहा कि प्राइवेट कॉलेजों में व्यापक अनियमितता है और सरकार को हाई कोर्ट के सीटिंग जज से इसकी व्यापक जांच कराने की मांग की। उन्होंने कहा कि इस जांच में यूनानी जगत से जुड़े प्रैक्टिशनर को भी शामिल किया जाए।

बैठक में मौजूद डॉ तौकीर रजा ने कहा कि बगैर मानक तय किए किसी भी शिक्षा का स्तर नहीं बढ़ाया जा सकता। अगर ऐसा है तो नीट में जीव विज्ञान को हटाकर मैथ को शामिल कर लिया जाए और बाद में जीव विज्ञान की पढ़ाई सिलेबस के साथ कराई जाए तो क्या चिकित्सा शिक्षा का स्तर बढ़ पाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार को मानकों को सरल करने की जगह शिक्षा के स्तर को ऊपर उठाना चाहिए।

इस बैठक में डॉ अनीस सिद्दीकी ने कहा की उर्दू यूनानी चिकित्सा की आत्मा है और अगर उर्दू को हटा दिया गया तो यूनानी चिकित्सा पद्धति खत्म हो जाएगी। इस मौके पर मौजूद डॉ सिराज अंसारी ने कहा की यूनानी का इतिहास बहुत पुराना रहा है और यह हमेशा सस्ती और आम लोगों की पैथी रही है। ऐसे में सरकार का कोई भी नया नियम या बदलाव आम लोगों के लिए भारी पड़ सकता है।

बैठक का संचालन करते हुए बीडीए के जनरल सेक्रेटरी डॉ नियाज़ अहमद ने कहा इस मसले पर बीडीए के कई सदस्यों से बातचीत हुई है और हम जल्द ही इस मुद्दे को आमजन तक ले जाएंगे। सभा का समापन करते हुए बीडीए अध्यक्ष डॉ अब्दुल हलीम ने कहा की यह बात तय है की उर्दू, अरबी और फारसी यूनानी के लिए बहुत जरूरी है और ऐसे में उसे हटाने की किसी भी साजिश को हमें बेनकाब करना है और ऐसे लोगों के चेहरे से नकाब उतारना है।

इस मौके पर अलीगढ़ से बीडीए के सचिव डॉ नवालूर रहमान, इलाहाबाद से बीडीए के उपाध्यक्ष डॉ आरिज़ कादरी, मुरादाबाद से बीडीए की जिला कमेटी के मीडिया प्रभारी डॉ नाजिम खान, अमरोहा से जिला अध्यक्ष डॉ बिलाल तुर्की ने बैठक में ऑनलाइन आकर अपने विचार रखे।

बैठक में डॉ उमर खान, डॉ सिराज खान, डॉक्टर नदीम, डॉ शहजाद आलम, डॉ मोहम्मद उबैदुल्ला, डॉ एम एच उस्मानी, डॉ मोहम्मद उज़ैर, डॉ मोहम्मद उज़ैर सिद्दीकी, डॉ साजिद कमर, डॉ आसिफ फारूकी समेत दर्जनों डॉक्टर मौजूद रहे।