तलहा रशादी की फेसबुक वाल से
आज़मगढ़, यूपी
6 अगस्त को दिल्ली के जंतर मंतर पर मशहूर शायर इमरान प्रतापगढ़ी के ज़रिए एक विरोध प्रदर्शन आयोजित किया जा रहा है। #Mob_Lynching (आतंकी भीड़) को लेकर मुसलमानों और अन्य इंसाफ पसंदों के ग़म, गुस्से और नाराज़गी को एक अनोखे और नए अंदाज़ में दुनिया के सामने रखने की तैयारी है।
मुझे भी इमरान प्रतापगढ़ी भाई ने इस प्रोग्राम में बुलाया है, मैंने जाने का फैसला भी किया है। क्योंकि #RUC (राष्ट्रीय उलेमा कौंसिल) का जन्म ही ज़ुल्म के खिलाफ लड़ने के लिए हुआ है, और हम हर उस आवाज़ के साथ खड़े थे, खड़े हैं, और रहेंगे… जो आवाज़ ज़ुल्म के खिलाफ उठती हो। ये आवाज़ चाहे किसी शख्स की हो या संगठन की हो।
कुछ लोगों को इमरान प्रतापगढ़ी साहब की इस पहल “लहू बोल रहा है”रपे एतराज़ है। हालांकि उनके इस कदम से इंसानियत को कुछ फायदा ही पहुंच रहा है और ये खून किसी मजबूर और मरीज़ के तो काम आ ही जायेगा। साथ ही आपका मुज़ाहरा भी दर्ज होगा और इन सब के बीच गर कुछ फायदा इमरान प्रतापगढ़ी भी उठा लेते हैं तो क्या हर्ज है?
ये भी सच है कि मारने वाले से बचाने वाला बड़ा होता है और जो खून देंगे उनकी गिनती बचाने वालों में होगी। आप शायर इमरान भाई के अच्छे काम की तारीफ करिये और साथ दीजिये। ये वक़्त साथ खड़े होने का है, एक दूसरे के लिए एक दूसरे के साथ। मैं इमरान भाई और ज़ाहिद भाई के साथ उनके अच्छे कामों में खड़ा हूँ। आप भी खड़े होइए और ज़्यादा से ज़्यादा तादाद में जंतर मंतर पहुंचिए ये उन जगहों पर पहुंचे जहां जहाँ ऐसे मुज़ाहरे हो रहे हैं।
(तलहा रशादी राष्ट्रीय उलेमा कौंसिल के प्रवक्ता हैं)