ज़ाकिर हुसैन
नई दिल्ली
म्यांमार में मुसलमानों के साथ बौद्धिष्ट आतंकवादियों की नापाक और अमानवीय व्यवहार को लेकर भारतीय मुसलमानों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। पिछले कई दिनों से देश के विभिन्न राज्यों में मुस्लिम संगठनों और मुस्लिम राजनीतिक दलों की ओर से म्यांमार के खिलाफ लागातार प्रदर्शन किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के जंतर-मंतर पर राष्ट्रीय उलेमा कौंसिल ने म्यांमार के खिलाफ ज़ोरदार प्रदर्शन किया गया।
उलेमा कौंसिल के प्रदर्शन में दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों से पार्टी कार्यकर्ताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। प्रदर्शनकारियों ने म्यांमार में जारी मुस्लिमों के कत्लेआम के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शन को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय उलमा कौंसिल दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष एमएस नूरुलहुदा ने कहा कि रोहिंग्या मुसलमानों पर बौद्धिष्ट उग्रवादियों द्वारा किया जा रहा अत्याचार निंदनीय हैं। बौद्ध चरमपंथियों को शायद ये पता नहीं कि महात्मा बुद्ध ने बौद्ध धर्म की स्थापना शांति को पाने के लिए की थी। उन्होंने हमेशा शांति के तरीके को सिखाया। वे हिंसा और नफरत के विरुद्ध थे और प्रेम और शांति से प्यार करते थे।
अफसोस आज बौद्ध उग्रवादी बौद्ध धर्म और बुद्ध की शिक्षा को भूल कर पीड़ित मुसलमानों के साथ अत्याचार और बर्बरता का प्रदर्शन कर रहे हैं। राष्ट्रीय उलेमा कौंसिल के नेता ने म्यांमार सरकार से मांग करते हुए कहा कि रोहिंग्या मुसलमानों के जान-माल की रक्षा करे और उनके संवैधानिक और नागरिक अधिकारों को बहाल करे। ताकि भारत सहित पूरी दुनिया के मुसलमानों में रोहिंग्या मुसलमानों को लेकर जो चिंता और नाराजगी पाई जा रही है। इस चिंता और दुख और गुस्से को नियंत्रित किया जा सके। उन्होंने कहा कि भारत में आज बहुत से रोहिंग्या मुसलमान शरणार्थी हैं। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि हम सरकार से मांग करते हैं कि जब तक मुसलमानों के लिए म्यांमार की स्थिति बेहतर नहीं हो जाती हैं, तब तक रोहिंग्या मुसलमानों को देश में रहने की अनुमति दी जाए।
सामाजिक कार्यकर्ता सलाहुद्दीन ने कहा कि इस समय रोहिंग्या का मुसलमान दुनिया में सबसे ज़्यादा पीड़ित है, इसलिए उसके जीवन की रक्षा के लिए उनकी उम्मीदों और इच्छाओं को हम सभी को एकजुट होकर संघर्ष करना चाहिए। उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि शरणार्थी रोहिंग्या मुसलमानों को सरकार सभी ज़रूरतें उपलब्ध कराए। समाजसेवी डॉक्टर आरज़ू ने म्यांमार हुकूमत से मांग करते हुए कहा कि रोहिंग्या मुसलमानों को सुरक्षा प्रदान करे और बौद्धिष्ट चरमपंथियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रीय उलेमा कौंसिल दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष ने किया। समाजसेवी डॉक्टर अख्तर ने प्रदर्शन के अंत में राष्ट्रीय उलेमा कौंसिल की तरफ से एक ज्ञापन सरकारको दिया। इस अवसर पर जाकिर हुसैन, एफ वाई इस्माइल, जमाल अहमद, डॉक्टर अख्तर समेत बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता और सामाजिक कार्यकर्ता मौजूद थे। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अमीर रशादी साहब आजकल बिहार में बाढ़ पीड़ितों के बीच राहत सामग्री वितरित कर रहे हैं इसलिए वह प्रदर्शन में शामिल नहीं हो सके।