लखनऊ, यूपी
देश में लगातार बढ़ रहे धार्मिक उन्माद, मुसलमानों के खिलाफ मोब लिंचिंग और मुस्लिम पर्सनल लॉ में बढ़ रहे सरकारी दखल से मुल्क का मुसलमान काफी परेशान है। ऐसे में जब सियासत पर लोगों का यकीन कम हो रहा हो तो आम मुसलमान दीनी उलेमाओं की तरफ नज़रे उठाकर देख रहा है। ऐसी स्थिति को देखते हुए राजधानी लखनऊ में पूरे मुल्क के उलेमाओं की कांफ्रेंस होने जा रही है।
उलेमाओं की ये कांफ्रेंस राजधानी लखनऊ में होगी। इसके लिए लखनऊ के चारबाग में मौजूद रविद्रालय ऑडीटोरियम को बुक किया गया है। ये उलेमाओं की कांफ्रेंस 10 फरवरी को सुबह दस से शुरु होगी जो शाम तक चलेगी। इसमें देश भर के उलेमाओं की दावत दी गई है। इसका आयोजन पीस पार्टी की तरप से किया गया है। इसमें किसी राजनीतिक व्यक्ति को नहीं बुलाया गया है।
पीएनएस से एक्सक्लूसिव बातचीत में इस कार्यक्रम के आयोजक पीस पार्टी के अध्यक्ष डॉ अय्यूब ने कहा कि पीस पार्टी ने हमेशा उलेमाओं की बात पर काम किया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में देश का माहौल ऐसा है कि अब उलेमा की ज़िम्मेदारी बढ़ जाती है कि वह सामने आकर ऐसे मायूस माहौल से लोगों को बाहर निकाले। उन्होंने कहा कि अब वक्त आ गया है कि हम एक प्लेटफार्म पर आकर अपने मुद्दे की लड़ाई लड़ें।
पीएनएस से डॉ अय्यूब ने कहा कि उलेमा कांफ्रेंस में तीन मुख्य बिंदुओं पर बातचीत होगी। इनमें पहला जंग-ए-आज़ादी में उलेमाओं का किरदार पर आने वाले मेहमान अपनी राय रखेंगे और लोगों को बताएंगे कि किस तरह से आज़ादी की लड़ाई में हज़ारों उलेमाओं ने अपनी जान कुर्बान की। कांफ्रेंस का दूसरा बिंदू मौजूदा हालात में सियासत वक्त की ज़रूरत पर चर्चा होगी। इसमें उलेमा मौजूदा सियासत पर अपनी राय देंगे। तीसरा बिंदू पीस पार्टी का उलेमा-ए-कराम व सियासत पर नज़रिया होगा। इसमें पीस पार्टी की तरफ से की जा रही खिदमात और लोगों को जोड़ने की बात होगी।