‘नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और एनआरसी (NRC) पूरे देश के लिए खतरा है ना कि सिर्फ मुसलमानों के लिए’ राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी ने ये बातें चेन्नई में कहीं। साथ ही उन्होंने ये भी कहा- जो भी इस कानून का विरोध कर रहा है उसे मुसलमान समर्थक बता दिया जाता है। जबकि सच्चाई ये है कि इस कानून से पूरे मुल्क को खतरा है।
तुषार गांधी ने चिंता जताते हुए कहा कि नागरिकता संशोधन कानून सरकार द्वारा पहला ऐसा कानून है जो पक्षपातपूर्ण हैं। यह हमारे मूल संविधान की भावना को चोट पहुंचाता है।
गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन कानून (CAA) देश में लागू हो चुका है। लेकिन इस कानून को लेकर देश के अलग अलग हिस्सों में विरोध हो रहा है और ये विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। वहीं विपक्ष लगातार इस कानून को लेकर सरकार को घेर रही है।
इसके अलावा तुषार गांधी ने कहा कि इन दोनों कानून से अमीर लोगों को कोई फर्क नहीं पड़ेगा, जबकि दूर दराज के इलाकों और गांव में रहने वाले गरीब और मुफलिस लोग को इससे काफी परेशानी होंगी। इन लोगों को सरकारी अधिकारियों के सामने अपने आप को साबित करना होगा। ऐसे में इनके संवैधानिक अधिकारों की रक्षा कौन करेगा।
तुषार ने ये भी कहा कि कुछ लोग इस कानून के जरिए समाज नफरत और जहर फैला रहे है। हमें इस कानून को हिन्दू बनाम मुस्लिम के चश्में से नहीं देखना चाहिए।
वहीं दूसरी ओर प्रधानमंत्री ने 15 फरवरी को यूपी के चंदौली में कहा- हमारी सरकार नागरिकता संशोधन कानून पर कायम है। इसमें कोई बदलाव नहीं होने वाला। जहां एक ओर प्रधानमंत्री नागरिकता कानून पर अड़े होने की बात कर रहे है तो वहीं गैर भाजपाई राज्य सरकार इस कानून को अपने सूबे में लागू नहीं करने का प्रस्ताव अपने अपने राज्य विधानसभा से पारित कर रहे है।
सीएए के खिलाफ अब तक छह राज्य प्रस्ताव पारित कर चुका है, जिसमें रविवार को एक नया नाम तेलंगाना जुट गया है. इसके अलावा केरल, पंजाब, बंगाल, राजस्थान और मध्य प्रदेश पहले ही अपने राज्य में सीएए नहीं लागू करने का प्रस्ताव पास कर चुका है।