लखनऊ, यूपी
कहते हैं कि मंज़िल पर पहुंचने के लिए रास्तों में लाख मुश्किलें आए पर जब इरादा फौलादी हो और मोहनत व लगन सिर्फ अपने लक्ष्य पर हो कोई भी मुश्किल मंज़िल पर पहुंचने से रोक नहीं सकती। ऐसी ही तमाम मुश्किलों से जूझते हुए मोहम्मद तुफैल ने कुछ ऐसा ही कर दिखाया है। किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले मोहम्मद तुफैल का सेलेक्शन इस बार नीट के माध्यम से एमबीबीएम में हुआ है।
मोहम्मद तुफैल अंबेडकरनगर ज़िले के जलालपुर के उसमानपुर गांव के रहने वाले हैं। पिता मोअज़्ज़म अली छोटी सी खेती के साथ कपड़े का छोटा काम करते हैं। किसी तरह से वो पूरे परिवार का गुज़ारा करते हैं। मोअज़्ज़म अली का सपना था कि उनका बेटा डॉक्टर बने और लोगों की खिदमत करें। घर की मुश्किलें, पिता की ख्वाइश और परिवार की उम्मीदों को तुफैल ने अपने दिल में उतार लिया। इन मुश्किल परिवारिक स्थितियों से जूझते हुए तुफैल ने जलालपुर से ही इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की और मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी करने लखनऊ आ गया।
सेलेक्शन के बाद पीएनएस से बातचीत में मोहम्मद तुफैल ने बताया कि उन्हें लखनऊ आने के बाद काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। इसी बीच एक करीबी ने उनकी मुलाकात फ्यूचर ज़ोन चलाने वालों डॉ नियाज़ अहमद से कराई। तुफैल ने बताया कि डॉ नियाज़ सर की बेहतर सलाह और कोचिंग में मिली गाइडेंस से उन्हें काफी फायदा हुआ। वो अपने लक्ष्य के साथ तैयारी करने लगा। कोचिंग के सभी टीचर्स ने उसकी खूब मदद की। नतीजा ये रहा कि उसका सेलेक्शन हो गया। मोहम्मद तुफैल ने लखनऊ के राम मनोहर लोहिया मेडिकल इंस्टीट्यूट में एमबीबीएस में प्रवेश ले लिया है।