नई दिल्ली
देश में अगले 6-8 हफ्तों में कोरोना वायरस की तीसरी लहर आ सकती है। एम्स के निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने आशंका जताई है कि तीसरी लहर से ‘बचा नहीं जा सकता’। मार्च के अंत में शुरू हुए लॉकडाउन के बाद देश के कई हिस्सों में अनलॉक की प्रक्रिया जारी है। एक्सपर्ट्स ने कुछ समय पहले ही तीसरी लहर को लेकर चेतावनी जारी की थी।
डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा कि, ‘अब जब हमने अनलॉकिंग शुरू कर दी है, तो फिर से कोविड संबंधी व्यवहार की कमी देखी जा रही है। हमने पहली और दूसरी लहर से कुछ सीखा है, ऐसा समझ में नही आ रहा है। फिर से भीड़ जुटनी शुरू हो गई है। लोग एक साथ मिल रहे हैं। ऐसा अगले 6 से 8 हफ्तों में हो सकता है, या शायद इसमें थोड़ा और समय भी लग सकता है।’ उन्होंने कहा कि यह इस बात पर निर्भर करता है कि हम कैसे कोविड संबंधी व्यवहार को निभा रहे हैं और भीड़ से बच रहे हैं।
महाराष्ट्र में अनुमानित समय से पहले तीसरी लहर आ सकती है। इस बात की जानकारी मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की तरफ से गठित की गई एक्सपर्ट्स कमेटी ने दी थी। एक्सपर्ट्स ने कहा था कि राज्य के कई हिस्सों में ढील मिलने के बाद भीड़ देखी गई है। ऐसे में मामलों की संख्या ‘जल्दी’ बढ़ सकती है। रिपोर्ट के अनुसार, एक्सपर्ट्स ने चेतावनी दी थी कि तीसरी लहर के चरम पर राज्य में आठ लाख एक्टिव केस हो सकते हैं।
एक रिपोर्ट के मुताबिक देश में तीसरी लहर अक्टूबर तक आ सकती है। इस सर्वे में दुनियाभर से 40 एक्सपर्ट्स, डॉक्टर्स, साइंटिस्ट्स, वायरोलॉजिस्ट्स, एपेडेमियोलॉजिस्ट्स और प्रोफेसर से जानकारी हासिल की गई थी। स्टडी में कहा गया था कि तब तक ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगाकर लहर को नियंत्रित किया जा सकेगा। साथ ही दूसरी लहर की तुलना में संभावित तीसरी लहर में मामले कम होने की बात कही गई है।
बच्चों पर नहीं होगा असर
देश में एम्स और विश्व स्वास्थ्य संगठन की तरफ से किए गए अध्ययन में बच्चों में हाई सीरो-पॉजिटिविटी होने की जानकारी मिली है। इसके बाद कहा जा रहा है कि तीसरी लहर बच्चों के खास प्रभावित नहीं कर पाएगी।