नई दिल्ली
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के डिप्टी गवर्नर एनएस विश्वनाथन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। अहम बात ये है कि विश्वनाथन इसी साल जून में रिटायर होने वाले थे। यानी रिटायरमेंट से सिर्फ तीन महीने पहले एनएस विश्वनाथन ने अपना पद छोड़ा है।
यहां बता दें कि एनएस विश्वनाथन ने 1981 में आरबीआई ज्वाइन किया था। वह बैंकिंग इंडस्ट्री के नियम और कानूनों के मामलों के एक्सपर्ट माने जाते हैं। डिप्टी गवर्नर के तौर पर विश्वनाथन बैंकिंग रेगुलेशन, कॉपरेटिव बैंकिंग, डिपॉजिट इंश्योरेंस समेत कई सेक्टर्स पर निगरानी कर रहे थे।
विश्वनाथन ने क्या बताई वजह?
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने एक रिपोर्ट के जरिए बताया है कि आरबीआई के डिप्टी गवर्नर एनएस विश्वनाथन ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दिया है। बता दें कि विश्वनाथन को जून 2016 में एचआर खान की जगह डिप्टी गवर्नर नियुक्त किया गया था। इसके बाद पिछले साल जून में कार्यकाल बढ़ा दिया गया।
15 महीने में तीसरा बड़ा झटका
बीते 15 महीने में ये तीसरी बार है जब रिजर्व बैंक के शीर्ष अधिकारी ने कार्यकाल पूरा होने से पहले ही अपना पद छोड़ दिया है। इससे पहले केंद्रीय बैंक के एक अन्य डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने जून 2019 में इस्तीफे का ऐलान किया था। वहीं दिसंबर, 2018 में आरबीआई के तत्कालिन गवर्नर उर्जित पटेल ने भी अचानक पद छोड़ दिया था।
इनके अलावा मुख्य आर्थिक सलाहकार रहे अरविंद सुब्रमण्यम, नीति आयोग के उपाध्यक्ष रहे अरविंद पनगढ़िया और आर्थिक सलाहकार परिषद के पार्ट-टाइम सदस्य रहे सुरजीत भल्ला ने भी अपना कार्यकाल पूरा नहीं किया था। हालांकि, बाद में सुरजीत भल्ला को भारत की ओर से आईएमएफ में कार्यकारी निदेशक नियुक्त किया गया।