शाहजहांपुर के रंगीन चौपाल मोहल्ला स्थित मजार पर सूफी बुजुर्ग हजरत ऐमल शाह उर्फ बड़े बाबा साहब का दो दिवसीय सालाना उर्स हुआ। कुल शरीफ में हिन्दुस्तान की खुशहाली व सलामती की दुआ की गई।
उर्स का आगाज कुरआन ख्वानी से हुआ। कुल की महफिल में हाजरीन को खिताब करते हुए मस्जिद के इमाम मोहम्मद अफजाल खां ने कहा कि मुसलमानों को कुरआन व हदीस के मुताबिक अपनी जिन्दगी को गुजारना चाहिए, जो लोग इस्लामी तालीम पर अमल नहीं करते, उनको मनचाही कामयाबी नहीं मिलती। इस दौरान हाफिज मोहम्मद आलम आदि ने नात व मनकबत पेश की। कव्वाल जीशान अहमद ने हमनवाओं के साथ कव्वालियां सुनाकर लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस अवसर पर शायर अख्तर शाहजहांपुरी, कैसर अली खां, नासिर अली, एहतिशाम खां, कासिम खां, तारिक खां, साजिद मियां, मुजीब, मो. अबसार, अब्दुल हसीब खां, नूर अहमद, सईद, तौहीद, सोहराब, हनीफ, रशीद, जीशान, अब्दुल अफ्फान, दानिश, मो. यासीन आदि तमाम जायरीन मौजूद रहे। वहीं बीती रात हुई महफिले मीलाद में मुफ्ती राहिल रजा अजहरी ने लोगों से सुन्नते रसूल पर चलने की ताकीद की। मीलाद ख्वां फिदा हुसैन ने जिक्रे रसूल करते हुए इश्के नबी को दिलो में बसाने पर जोर दिया। आयोजन समिति की ओर से जायरीन में लंगर बांटा गया।