Breaking
22 Dec 2024, Sun

अनुच्छेद 370: केंद्र के रुख की विरोधी ब्रिटिश सांसद को भारत में प्रवेश से रोका गया

THE BRITISH MP PREVENTED FROM ENTERING INDIA ON OPPOSING CENTRAL GOVT STAND ON ARTICLE 370 1 180220

नई दिल्ली

केंद्र सरकार द्वारा कश्मीर की स्थिति में बदलाव किए जाने के तुरंत बाद लेबर पार्टी की सांसद एवं कश्मीर पर सर्वदलीय संसदीय दल की अध्यक्ष डेब्बी अब्राहम ने ब्रिटेन में भारत के उच्चायुक्त को एक पत्र लिखा था, जिसमें कहा गया कि यह कार्रवाई कश्मीर के लोगों के विश्वास को धोखा देती है।

कश्मीर पर एक संसदीय दल का नेतृत्व कर रही एक ब्रिटिश सांसद ने सोमवार को दावा किया कि यहां हवाई अड्डे पर उतरने के बाद उनके पास वैध वीजा होने के बावजूद उन्हें भारत में प्रवेश नहीं करने दिया गया।

हालांकि, भारत सरकार ने उनके इस आरोप का खंडन करते हुए कहा कि उन्हें (पहले ही) सूचना दे दी गई थी कि उनका ई-वीजा रद्द कर दिया गया है। लेबर पार्टी की सांसद एवं कश्मीर पर सर्वदलीय संसदीय दल की अध्यक्ष डेब्बी अब्राहम ने एक बयान में कहा कि सोमवार सुबह वह दिल्ली पहुंची और उन्हें बताया गया कि उनका ई-वीजा रद्द कर दिया गया है, जो अक्टूबर 2020 तक वैध था।

गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि ब्रिटिश सांसद को समुचित तरीके से सूचना दे दी गई थी कि उनका वीजा रद्द कर दिया गया है और इस बात की जानकारी होने के बावजूद वह दिल्ली आईं।

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, अब्राहम अपने सहयोगी हरप्रीत उपल सुबह 9 बजे दुबई से एमिरेट्स की फ्लाइट से एयरपोर्ट पहुंचीं। उपल ने कहा कि आव्रजन अधिकारियों ने अब्राहम के प्रवेश से इनकार करने और उसके वीजा को रद्द करने का कोई कारण नहीं बताया। साल 2011 से संसद की सदस्य अब्राहम ने अपने बयान में कहा कि वह दो दिन की व्यक्तिगत यात्रा पर थीं।

उन्होंने कहा, ‘मैंने यह जानने की कोशिश की कि मेरा वीजा क्यों खत्म कर दिया गया और क्या मुझे वीजा-ऑन-अराईवल मिल सकता है? लेकिन किसी ने कोई जानकारी नहीं दी। यहां तक कि जो व्यक्ति प्रभारी था, उसने कहा कि वह नहीं जानता था और जो हुआ था उसके बारे में दुखी था। इसलिए अब मैं केवल वापस भेजे जाने की प्रतीक्षा कर रही हूं… जब तक कि भारत सरकार का हृदय परिवर्तन न हो। मैं इस तथ्य को बताने के लिए तैयार हूं कि मेरे साथ अपराधी की तरह व्यवहार किया गया है, और मुझे आशा है कि वे मुझे अपने परिवार और दोस्तों से मिलने देंगे।’

बता दें कि, अब्राहम 5 अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 की अधिकतर धाराओं को खत्म करने और उसे दो भागों में बांटने के केंद्र सरकार के रुख के खिलाफ मुखर रही हैं। संसद द्वारा कश्मीर की स्थिति में बदलाव किए जाने के तुरंत बाद अब्राहम ने ब्रिटेन में भारत के उच्चायुक्त को एक पत्र लिखा था, जिसमें कहा गया कि यह कार्रवाई कश्मीर के लोगों के विश्वास को धोखा देती है।

हालांकि, केंद्र सरकार पिछले हफ्ते कश्मीर की यात्रा पर 20 से अधिक विदेशी राजनयिकों को ले गई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने पिछले छह महीने में इस तरह की दूसरी यात्रा आयोजित की है।

हालांकि, क्षेत्र में सामान्य तरीके से आवागमन अभी भी बेहद सख्त है जिसमें किसी विदेशी मीडिया को जाने की इजाजत नहीं है।

By #AARECH