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22 Dec 2024, Sun

मशहूर दरगाह सैयद सालार मसऊद गाज़ी का सालाना उर्स

अब्दुल अज़ीज़

बहराइच, यूपी

बहराइच में मौजूद दरगाह हज़रत सैय्यद सालार मसूद गाज़ी रह. हिन्दू-मुस्लिम एकता का प्रतीक और गंगा जमुनी तहज़ीब की मिशाल है।  दरगाह हज़रत सैय्यद सालार मसूद गाज़ी रह. का 1013 वाँ सालाना उर्से मुबारक का आगाज़ कुरान ख्वानी और परचम कुशाई के साथ हो गया है।

हर साल अरबी महीने के रज्जब माह (मुरज्जब) हज़रत सैय्यद सालार मसूद गाज़ी रह. की तक़रीब शुरू हुई। ये जानकारी देते हुए दरगाह शरीफ प्रबन्ध समिति के सदर सैय्यद शमशाद अहमद ने बताया कि उर्स की पहली तक़रीब दरगाह-ए आलिया की अंदरूनी शाही मस्जिद में बाद नमाज़ फज्र कुरान ख्वानी के साथ शुरू  हुई। इस मौके पर शाही मस्जिद के इमाम हज़रत मौलाना अर्शदुल कादरी और दरगाह शरीफ मस्जिद के तमाम आइमा व मोअज्जिन व दीगर मदारिस के मौलाना अब्दुर्रहीम घसयारी मस्जिद आदि के लोगों की मौजूदगी में शुरू किया गया। इसी मौके पर परचम कुसाई कार्यक्रम नाल दरवाजे से शुरू हुआ और कदम रसूल पर गोले और कारतूसों की सलामी के साथ सम्पन्न हुआ।
इस मौके पर घसयारी मस्जिद के मौलाना मोईनुद्दीन मेंबर आलिम व मौलाना आरिफ छोटी तकिया के रूमी मियाँ व दीगर मदारिश के उलमा व दरगाह शरीफ शाही मस्जिद के इमाम अर्शदुल कादरी व दीगर आइमा मोअज्जिम तथा दरगाह शरीफ के मेम्बरान अब्दुर्रहमान मौजूद थे।

इस मौके पर मो वसीम मेकरानी, मक़सूद अहमद राइनी, ओएसडी खुर्शीद अनवर रिजवी, असिस्टेन्ट मैनेजर अलीमुल हक़ औऱ दरगाह शरीफ के तमाम खुद्दाम व मुलाजमींन भी मौजूद रहें। ये उर्स पाँच दिनों तक होता है, जिसका ख़ास एहतमाम कुल शरीफ से होता है।