सीओ और एसडीएम की लापरवाही से मामला बिगड़ा
जौनपुर, यूपी
ज़िले के खेतासराय कस्बे में नौवीं मोहर्रम का जुलूस निकालने से स्थानीय प्रशासन की रोक लगा दी। इसके विरोध में आज मोहर्रम कमेटी ने 10वीं की जुलूस निकालने से मना कर दिया है। इसे लेकर कस्बे और आसपास के क्षेत्रों में तनाव फैल गया है। दुकानें बंद हो गई हैं और लोग किसी अनहोनी की आशंका से अपने घरों में कैद हो गए हैं। इसको लेकर प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए हैं। इस समय ज़िले के कई बड़े अधिकारी मौके पर मौजूद हैं।
दरअसल कल दिन में बच्चों के दो गुटों में मामूली झगड़ा हो गया था। इसके बाद दोनों तरफ से लोग इकट्ठा हो गए। कुछ लोगों गोला बाज़ार में पथराव भी किया। इसके बाद पुलिस प्रशासन हरकत में आया और मामूली लाठीचार्ज करके भीड़ को अलग किया। सीओ मायाराम वर्मा और एसडीएम राकेश गुप्ता ने भारी पुलिस बल की मौजूदगी में पीस कमेटी की बैठक की। क्षेत्र में शांति स्थापित करने में सहयोग करते हुए स्थानीय निवासी नसीम ने विवाद में शामिल अपने बेटे नदीम को पुलिस के हवाले कर दिया। नदीम अब भी खेतासराय थाने में है। इसके बाद सीओ और एसडीएम ने कहा कि मोहर्रम का जुलूस समय से निकलेगा।
रात जब जुलूस निकलने लगा तो अधिकारियों के सुर बदल गए। सीओ और एसडीएम ने मोहर्रम कमेटी से नौवीं का जुलूस निकालने के लिए सिर्फ 10 लोगों को साथ चलने की इजाज़त दी। कमेटी ने अलम और ढोलक के साथ जुलूस निकालने की बाद कही जिसे प्रशासन ने मना कर दिया। पुलिस अधिकारियों में मोहर्रम का जुलूस निकालने के लिए सुरक्षा उपलब्ध कराने से भी मना कर दिया। यही नहीं सीओ और एसडीएम ने इसके बाद जुलूस निकालने रोक लगा दी।
दरअसल कस्बे में पिछले कई दिलों से तनाव है। एक हिंदूवादी गुट के कुछ लोगों ने कई बार माहौल खराब करने की कोशिश की। स्थानीय लोगों की सूझबूझ से मामला शांत रहा। इससे पहले भी 7वीं का जुलूस को लेकर भी विवाद हुआ था। तब ज़िलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक की मौजूदगी में पीस कमेटी में समझौता हुआ था। बाद में भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच 7वीं का जुलूस निकाला गया था। पीस कमेटी की बैठक में तय हुआ था कि रास्ते में लगी बल्लियां पुलिस प्रशासन हटाएगा लेकिन इस पर अमल नहीं हुआ। यहीं नहीं सीओ मायाराम वर्मा और एसडीएम राकेश गुप्ता ने पहले भी पीस कमेटी की बैठक में कई मसलों पर कार्रवाई का वादा किया था लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
खेतासराय कस्बे में मोहर्रम का जुलूस काफी ऐतिहासिक है। ये जुलूस 140 साल से निकल रहा है। यहां की मोहर्रम में बाहर के लोग भी शामिल होते हैं। पहली बार हुआ है कि जब मोहर्रम का जुलूस प्रशासन द्वारा रोका गया है।