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21 Nov 2024, Thu

पटना, बिहार

आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में नीतीश कुमार के शामिल होने का आरोप लगाया है। उन्होंने ट्वीट किया, “मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मुजफ्फरपुर बलात्कार कांड में स्पष्ट और सीधे रूप से संलिप्त हैं क्योंकि इन्होंने TISS की रिपोर्ट आने के दो महीनों तक ब्रजेश ठाकुर पर एफआईआर नहीं होने दी। जेल नहीं भेजा. दबाव में भेजा तो जेल में मोबाइल समेत तमाम सुविधाएं प्रदान की. बच्चियों को ग़ायब किया गया।”

तेजस्वी यादव ने कहा है कि पोस्को कोर्ट में पेश किए गए एफिडिवेट में साफ तौर से लिखा गया है कि नीतीश कुमार और कई अन्य लोग इसमें शामिल रहे हैं, और इसलिए इसकी जांच होनी चाहिए।

तेजस्वी यादव ने मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में अबतक हुई जांच पर कई सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा, “पीड़ित बच्चियाँ मधुबनी के बालिका गृह ले जाने के क्रम में गायब कैसे हो गईं? कुछ की हत्या भी करवा दीं गईं? क्या नीतीश कुमार जी नहीं जानते थे उनके सबसे नज़दीकी फाइनांसर और नेता का PA उस बालिका गृह का संचालक था जिसे सरकार सुरक्षित बता रही थी? बच्चियों की हत्या क्यों करवाई गयी?”

तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया है कि गृहमंत्री होने के नाते तेजस्वी यादव को सबकुछ पता था।

क्यों ब्रजेश ठाकुर के विरुद्ध लंबे समय तक FIR दर्ज नहीं किया गया? उसे जेल में रहते हुए मोबाइल प्रयोग करने की अनुमति किसने दी? और जेल में रहते हुए उसने पटना में किन-किन नेताओं और अधिकारियों से संपर्क किया यह सब गृहमंत्री होने के नाते मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जानते थे और जानते है।

उन्होंने ट्वीट किया कि आप बताइये क्या यह मामला संदेहास्पद नहीं है? क्योंकि सीबीआई निदेशक स्तर का अधिकारी “किसी बड़े व्यक्ति” को बचाने के लिए ही कोर्ट की अवमानना करने का जोखिम उठायेगा? बाद में उस CBI अधिकारी को कोर्ट की अवमानना का दोषी क़रार कर माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने जुर्माने के साथ सज़ा भी दी?

उन्होंने आरोप लगाया कि सीबीआई अधिकारी का तबादला “पटना वाले बड़े साहब” को बचाने के लिए किया गया है. उन्होंने ट्वीट किया, “मुज़फ़्फ़रपुर बलात्कार कांड में CBI अधिकारी का तबादला नहीं करने के कोर्ट के आदेश के विपरीत जाकर, कोर्ट की अवमानना कर CBI निदेशक ने तत्कालीन अनुसंधानकर्ता एसपी का बिना कारण बताए अचानक तबादला क्या इसलिए किया गया था ताकि वो “पटना वाले बड़े साहब” को बचा सके? ऐसा क्यों किया गया?”

“नीतीश जी तो छाती पीट तत्कालीन समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा को निर्दोष बता रहे थे परंतु जब कांड का कच्चा चिट्ठा खुला एवं मीडिया में ब्रजेश ठाकुर की सीडीआर डिटेल्स में मिलीभगत का पर्दाफ़ाश होने और विपक्ष व जनदबाव के कारण मंजू वर्मा का इस्तीफ़ा लेना पड़ा। CM उसे क्यों बचा रहे थे?”