भारत के झारखंड राज्य के सरायकेला खरसावां क्षेत्र में तबरेज़ अंसारी की हिन्दू कट्टरपंथी भीड़ द्वारा बेरहमी से पिटाई की, जिसके कुछ दिन बाद तबरेज़ की मौत हो गई थी। मामले की जांच कर रहे जांच दल ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि जहां पुलिस ने मुस्तैदी नहीं दिखाई, वहीं डॉक्टर तबरेज़ की चोट का पता नहीं लगा सके।
प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, भारत के झारखंड राज्य के सरायकेला खरसावां ज़िले में चोरी के शक में भगवा कट्टरपंथियों की भीड़ के हमले का शिकार हुए तबरेज़ अंसारी की मौत में नया मोड़ आया है।
रिपोर्ट के अनुसार तबरेज़ अंसारी की मौत पुलिस और डॉक्टरों की लापरवाही से हुई थी। तीन सदस्यों की एक जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट में यह बात कही है।
सब डिविज़नल अधिकारी और ज़िला सिविल सर्जन के सदस्यों वाले जांच दल का यह भी कहना है कि भीड़ द्वारा तबरेज़ अंसारी के साथ मारपीट किए जाने की सूचना पुलिस को मिल चुकी थी लेकिन फिर भी पुलिस देरी से मौक़े पर पहुंची थी।
जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि दो पुलिस अधिकारियों को इस मामले में निलंबित किया जा चुका है और दोषी डॉक्टरों के ख़िलाफ़ भी कार्रवाई की जाएगी।
सरायकेला खरसावां के पुलिस उपायुक्त अंजनेयुलु डोड्डे ने कहा, ‘पुलिस और डॉक्टरों की तरफ़ से लापरवाही हुई है। पुलिस जहां घटनास्थल पर देर से पहुंची, वहीं डॉक्टर सिर में लगी चोट का पता नहीं लगा पाए।’ पुलिस उपायुक्त तीन सदस्यों वाले प्रशासनिक जांच दल का नेतृत्व कर रहे हैं।
डोड्डे की बात का समर्थन करते हुए एक सिविल सर्जन ने कहा कि एक्स-रे और पूरे शरीर की जांच होनी चाहिए थी लेकिन यह जांच नहीं की गई क्योंकि सिर पर चोट के निशान नहीं थे। इस सिविल सर्जन का तबादला कर दिया गया था। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पुलिस ने समय पर कोई मुस्तैदी नहीं दिखाई थी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 18 जून की रात पुलिस को इस घटना के बारे में जानकारी मिली लेकिन उन्होंने सुबह छह बजे के बाद ही इस पर कार्रवाई की। जांच टीम ने बताया कि अंसारी के विसरा की जांच के लिए उसे रांची में फॉरेसिंक विभाग भेजा गया है ताकि मौत की वास्तविक वजह का पता लग सके।
उल्लेखनीय है कि 17 जून को तबरेज़ अंसारी अपने दोस्तों के साथ था कि कुछ लोगों ने उसे मोटरसाइकिल चुराने के आरोप में पकड़ लिया था, इसके बाद भीड़ ने उनकी बेरहमी से पिटाई की साथ ही उन्हें ‘जय श्रीराम’ और ‘जय हनुमान’ बोलने के लिए भी मजबूर किया। इस घटना का एक वीडियो भी वायरल हुआ था।
पार्स टुडे डॉट कॉम के अनुसार, पुलिस को मामले की जानकारी मिलने के बाद उसने मारपीट करने वाले आरोपियों को न गिरफ़्तार करके स्वयं पीड़ित तबरेज़ अंसारी को ही गिरफ़्तार कर लिया था।
इसके बाद गंभीर रूप से घायल अंसारी को ज़िला अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टर ने उसे जेल भेजे जाने की मंज़ूरी दे दी। इसके चार दिन बाद 22 जून को जब अंसारी की हालत और ख़राब हो गई तो उसे अस्पताल ले जाया गया जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। अंसारी के सिर पर गंभीर चोटें आई थी। इस मामले में अब तक मुख्य आरोपी पप्पू मंडल समेत 11 लोगों को गिरफ़्तार किया जा चुका है।