नई दिल्ली
पिछले कुछ सालों से सिविल सर्विसेज को लेकर मुसलमानों में काफी जागरुकता आई है। इसके पीछे वजहें बताई जा रही है। सिविल सर्विसेज़ में मुस्लिम युवाओं का हर साल औसतन 30 सेलेक्शन हो रहा है। इनके पीछे भले ही उनकी मेहनत और लगन रही हो पर एक ऐसा शख्स है जो लगातार इनके पीछे काम कर रहा है। सबसे बड़ी बात ये है कि वो शख्स अपने काम से लोगों के दिलों में जगह बना रहा है।
देश के प्रधानमंत्री के ओएसडी रहे चुके और सच्चर कमेटी में अहम रोल निभाने वाला ये शख्स है रिटायर्ड अफसर सैय्यद ज़फर महमूद। ज़फर महमूद अब युवाओं को आईएएस-आईपीएस बनने की राह दिखा रहे हे। अफसर और उनकी संस्था ज़कात फाउंडेशन की मदद से हर साल 20 से 25 मुस्लिम और क्रिश्चियन युवा सिविल सर्विस की परीक्षा पास कर रहे हैं।
ज़फर महमूद देश के अलग-अलग हिस्सों में जाकर युवाओं को सिविल सिर्विसेज़ के लिए उत्साहित भी करते हैं। उनके कई प्रोग्राम दूसरे शहरों में लगे होते हैं जिनमें काफी संख्या में युवा आते हैं। हाल ही में लखनऊ में भी ऐसा ही एक प्रोग्राम आयोजित किया गया था।
2008 में हुई शुरुआत
ज़कात फाउंडेशन के सदर ज़फर महमूद 2008 से युवाओं को सिविल सर्विस की तैयारी करा रहे हैं। अब तक 100 से अधिक युवा ज़कात की मदद से देश की सबसे बड़ी परीक्षा पास कर आईएएस और आईपीएस बन चुके हैं। 16 और 18 सफल उम्मीदवारों से शुरु हुआ कामयाबी का सिलसिला अब 26 पर पहुंच चुका है। एक रिटर्न टेस्ट और इंटरव्यू के बाद देश के हर कोने से मेरिट के आधार पर युवाओं का चयन किया जाता है।
ज़कात फाउंडेशन ऐसे कराती है तैयारी
ज़फर महमूद बताते हैं कि दिल्ली में रखकर युवाओं को तैयारी कराई जाती है। युवाओं को अलग-अलग कोचिंग में भेजा जाता है। हॉस्टल में युवाओं के लिए रहना-खाना और स्टडी मेटेरियल तक का इंतज़ाम ज़कात फाउंडेशन की ओर से किया जाता है। युवाओं की तैयारी कैसी चल रही है और तैयारी में उन्हें मदद करने के लिए रिटायर्ड और सर्विस में मौजूद आईएएस, आईपीएस आईआरएस, आईएफएस सरीखे अधिकारियों की भी मदद ली जाती है।
सिविल सर्विसेज़ की कोचिंग क्यों
ज़फर महमूद बताते हैं कि जब वह एएमयू में पढ़ते थे तो उनके कुछ दोस्त सिविल सर्विस की तैयारी करना चाहते थे। लेकिन मदद करने वाला कोई कोचिंग सेंटर नहीं था। दूसरा ये कि वो खुद भी सच्चर कमेटी में रहे हैं। सच्चर रिपोर्ट में जो हाल मुसलमानों का देखा तो उसके बाद लगा कि वाकई सिविल सर्विस की तैयारी कराने के लिए इस तरह का कोई सेंटर होना जरूर चाहिए। इसी के बाद इस सेंटर की शुरुआत हुई।
कोचिंग की बन रही है नई बिल्डिंग
युवाओं की संख्या बढ़ाने के लिए इनकी संस्था ज़कात फाउंडेशन के अध्यक्ष डां सैय्यद ज़फर महमूद जमीअत उलेमा-ए-हिन्द की मदद से अब 3 एकड़ ज़मीन पर डासना में सर सैय्यद कोचिंग के लिए नई बिल्डिंग का निमार्ण करा रहे हैं।