तिसिनो
स्विटजरलैंड ने मुस्लिम महिलाओं के सार्वजनिक जगहों पर बुर्का पहनने पर रोक लगा दी है। यहां के तिसिनो प्रांत में नए नियम के तहत इस पर सख़्त पाबंदी लगा दी गई है। नियम न मानने वालों पर 6 लाख 50 हज़ार रुपए यानी 6,500 पाउंड का जुर्माना लगाया जा सकता है। ये पाबंदी दुकानों, रेस्टोरेंट और पब्लिक बिल्डिंग्स के लिए हैं। तिसिनो प्रांत के एक अधिकारी ने बताया कि सरकार का ये फैसला आतंकवादी हमले के खतरे के मद्देनज़र हुआ है। पाबंदी को लेकर सितंबर, 2013 में रिफरेंडम कराया गया था, जिसे स्टेट गर्वंमेंट ने मंजूरी दे दी है।
दक्षिण स्विस स्टेट की सरकार ने रिफरेंडम को स्विस पार्लियामेंट के उस फैसले के बाद मंजूरी दी, जिसमें कहा गया कि पाबंदी से देश के फेडरल लॉ का उल्लंघन नहीं होगा। इस नियम के तहत स्विटजरलैंड में रह रही 40 हजार मुस्लिम महिलाएं और आने वाली टूरिस्ट महिलाएं सिर से पैर तक शरीर को ढकने वाला बुर्का पहन सकेंगी, लेकिन नकाब या मास्क से चेहरा छिपाने पर पाबंदी होगी।
इस प्रस्ताव को पेश करने वाले जियार्जियो गिरिंघेली ने कहा कि इस रिफरेंडम के नतीजे देश के फंडामेंटलिस्ट्स के लिए एक संदेश है। उन्होंने कहा कि जो लोग समानता की बात करते हैं, वो इस फैसले का स्वागत करेंगे। इसे धर्म से जोड़कर ना देखा जाए। इस फैसले को लागू करने के बाद कई मुस्लिम संगठनों ने जबरदस्त विरोध दर्ज कराया है। दूसरी तरफ एमेनेस्टी इंटरनेशनल ने तिसिनो प्रांत के फैसले को ह्यूमन राइट्स के लिए काला दिन बताया है। एमेनेस्टी इंटरनेशनल ने कहा है कि किसी देश में सभी को धार्मिक स्वतंत्रता की आज़ादी होनी चाहिए। तिसिनो प्रांत का ये फैसला अंतरराष्ट्रीय नियमों के खिलाफ है।
तिसिनो प्रांत का ये कानून फ्रांस के बैन से प्रभावित है, जिसे 2014 में ह्यूमन राइड्स की यूरोपियन कोर्ट ने जायज ठहराया था। फ्रांस की पार्लियामेंट ने 2010 में बुर्के पर पाबंदी लगाई थी। इस्लामिक ग्रुप्स ने इसे भेदभाव वाला फैसला बताते हुए जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया था। यूरोप में सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाले देश फ्रांस में बुर्का पहनने पर 150 पाउंड का जुर्माना लगाया जा सकता है।