सूर्य प्रताप सिंह, पूर्व आईएएस
लखनऊ, यूपी
‘इस हाथ दे और उस हाथ दे’ वाला ‘Gang-of-Four’: आगरा के जैन बंधुओं का गैंग… पूँजीपतियों के जूते की नोंक पर आज की लोकसत्ता… आज का लोकतंत्र भ्रष्टाचारी पूँजीपतियों के रहमो-करम पर!
आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे के ‘धँसे-तो-धँसे… लोग जिए या मरे, किसी को क्या… जिस ठेकेदार कम्पनी का दोष है, उसे वर्तमान योगी सरकार ने ब्लैकलिस्ट करने की बजाय सुपर-CM सुनील बंसल जी जैसों की कृपा से न केवल पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के 82 किलोमीटर निर्माण का लगभग 2,000 करोड़ रूपये का ठेका दे दिया। अपितु आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे के आगरा टोल ब्रिज का भी ठेका भी सौंप दिया है। क्या अभी भी आपको विश्वास है कि प्रदीप कुमार जैन व उसकी कम्पनी के ख़िलाफ़ कोई जाँच होगी ?
यह भी बता दें कि प्रदीप जैन का भाई नवीन जैन जो भाजपा से आगरा शहर का मेयर है, उसे सुनील बंसल जी ने उत्तर प्रदेश भाजपा का सहकोषाध्यक्ष भी बना रखा है, ताकि वह ख़ूब चंदा वसूल कर सके और पूर्वांचल एकेसप्रेस-वे के अन्य ठेकेदार कम्पनीज़ से भी माल खिंच सके।
उक्त दोषी कम्पनी, PNC Infra Tech का मालिक प्रदीप जैन, नवीन जैन, चक्रेश जैन व इस कम्पनी के अन्य लोगों को 1,635 करोड़ रूपये का चूना सरकार को लगाने के लिए जेल भेजना चाहिए था, उसे जांच पूर्ण होने से पहले ही उपकृत भी कर दिया गया।
UPEIDA ने आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे के जिस हिस्से (आगरा-फ़िरोज़ाबाद 55 Km) को प्रदीप जैन ने 1635 करोड़ रूपये की लागत से बनाया था। उसके एक 5 km लम्बे हिस्से को गुणवत्ता ख़राब होने के कारण 5 बार तोड़ कर बनवाया था। फिर भी यह कुख्यात कम्पनी बार-बार ख़राब काम करती रही। इसे कभी भी किसी की परवाह नहीं रही।
ऐसी परिस्थिति में, क्या यह माँग करना उचित नहीं होगा कि….
1. PNC Infrastructure limited कम्पनी को ब्लैकलिस्ट किया जाए।
3. पूर्वांचल एकेसप्रेस-वे का जो ठेका PNC Infrastructure Ltd. को दिए गए। उस ठेके को निरस्त किया जाए।
4. प्रदीप जैन, नवीन जैन, चक्रेश जैन, योगेश कुमार जैन व इनके सुनील बंसल जैसे संरक्षकों, जो भी दोषी हों, उसको जाँच कर जेल भेजा जाए।
क्या कहते हैं, आप ?
ईमानदार मुख्यमंत्री योगी जी को पिंजरे से बाहर निकलना होगा। अब अपनी तलवार बाहर निकाल लेनी चाहिए। यह अत्यंत गम्भीर विषय है, कोई भी मीडिया भयवश इसे नहीं उठा पा रहा है। सख़्त कार्यवाही अपेक्षित है।
सुपर-CM के आगे सब कुछ बेबस सा क्यों लगता है ?
(सूर्य प्रताप सिंह पूर्व आईएएस हैं और राजनीतिक, सामाजिक मुद्दों पर बेबाकी से लिखते हैं)