नयी दिल्ली
उच्चतम न्यायालय ने भारतीय जनता पार्टी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी को मंगलवार को कड़ी फटकार लगायी है। कोर्ट ने कहा कि सांसद होने का मतलब यह नहीं कि वह कानून अपने हाथ में ले सकते हैं।
न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा, “आपने ऐसा बयान दिया है कि 1000 संपत्तियां ऐसी है, जो सील होनी चाहिये। आप सूची दें, हम आपको सीलिंग अधिकारी बना देंगे।” न्यायालय ने यह बात उस वक्त कही जब मनोज तिवारी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील विकास सिंह ने कहा कि राजधानी में मनमाने ढंग से सीलिंग का काम हो रहा है। दिल्ली में हजारों जगहों पर गलत तरीके से सीलिंग हुयी है।
उच्चतम न्यायालय ने कहा कि मनोज तिवारी एक हफ्ते में इसकी जानकारी हलफनामे के ज़रिये दें। मालूम हो कि सांसद मनोज तिवारी ने 16 सितंबर को उत्तर पूर्वी दिल्ली के गोकुलपुर गांव के एक मकान की सीलिंग तोड़ी थी। इसके बाद न्यायालय की ओर से गठित निगरानी समिति ने अदालत की अवमानना का मामला दायर किया है। इस मामले की सुनवाई अब तीन अक्टूबर को होगी।