उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा राजधानी लखनऊ में नागरिकता संशोधन कानून का विरोध करने वालो के पोस्टर लगाना भारी पड़ रहा है। हाईकोर्ट से पोस्टर हटाने का आदेश मिलने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी योगी सरकार से जवाब माँगा।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में इलाहबाद हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने से इंकार करते हुए योगी सरकार से जवाब माँगा है कि किस कानून के तहत उत्तर प्रदेश सरकार ने पोस्टर लगाए है?
सुप्रीम कोर्ट ने इलाहबाद हाईकोर्ट के फैसले को सुरक्षित रखते हुए इस मामले को बड़ी बेंच को भेज दिया है। अब इस मामले की सुनवाई अगले सप्ताह होगी।
मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस अनिरुद्ध बोस ने योगी सरकार के चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार को कानून के मुताबिक चलना चाहिए और इस समय कोई भी कानून उत्तर प्रदेश सरकार के इस कदम का समर्थन नहीं कर रहा है।
आपको बता दे कि कुछ दिन पहले उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने नागरिकता कानून का विरोध कर रहे लोगो के नाम,फोटो सहित पोस्टर लखनऊ के चौक चौराहे पर लगा दिए थे।
जिसको लेकर मामला हाई कोर्ट पंहुचा तो वहा योगी सरकार से कोर्ट ने तुरंत पोस्टर हटाने का आदेश दिया तथा इस तरह की कार्यवाही को निजता का हनन माना जिसके बाद योगी सरकार ने फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी लेकिन वहा भी इनको मुँह की खानी पड़ी।