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17 Oct 2024, Thu

नई दिल्ली

देश में डीजल-पेट्रोल की बढ़ती कीमतें सरकार के लिए वैसे ही मुसीबत बनी हुई है, बुधवार को करोड़ों रुपये लेकर फरार शराब व्यवसायी विजय माल्या के वित्त मंत्री अरुण जेटली को लेकर बयान ने हंगामा खड़ा कर दिया था। बुधवार को विजय माल्या ने कहा था कि उसने लंदन जाने से पहले जेटली से मुलाकात की थी। इसके बाद से ही विपक्ष जेटली के इस्तीफे की मांग शुरू कर दी है।

अब इससे एक कदम आगे जाकर बीजेपी के ही सांसद सुब्रमण्यन स्वामी ने बयान दिया है। स्वामी के बयान से राजनीतिक हल्कों में तुफान ला दिया है। गुरुवार को स्वामी ने ट्वीट किया कि माल्या के देश से भागने को लेकर दो तथ्य हमारे सामने हैं, जिन्हें कोई नकार नहीं सकता है। पहला ये कि 24 अक्टूबर 2015 को विजय माल्या के खिलाफ जारी हुए लुकआउट नोटिस को ब्लॉक से रिपोर्ट में बदला गया। इसकी मदद से वह 54 लगेज आइटम लेकर भागने में सफल हुआ। दूसरा ये कि विजय माल्या ने संसद के सेंट्रल हॉल में वित्त मंत्री को बताया था कि वह लंदन जा रहा है।

बचाव में बीजेपी और मोदी सरकार
स्वामी के बयान के बाद सरकार की किरकिरी होने लगी। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने जेटली का बचाव करते हुए ट्वीट किया कि संसद के गलियारों में माल्या ने जानबूझकर वित्त मंत्री से ऐसी बात की और वित्त मंत्री ने मना करते हुए बैंकों से बात करने को कह दिया। वहीं, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ट्वीट किया कि माल्या ने राज्यसभा का सदस्य होने का अनुचित फायदा उठाया है। माल्या ने झूठ बोला है और शिष्टाचार के नियमों का उल्लंघन किया है। इस प्रकार के अविश्वसनीय व्यक्ति के बारे में और उनकी टिप्पणी पर जो लोग भरोसा करते हैं, उनकी दोस्ती पता चलती है।