अलीगढ़, यूपी
तलाक को लेकर विवाद पैदा किया जा रहा है, जिनका मसला नहीं है वो इस मुद्दे पर बोल रहे हैं। तलाक को लेकर सरकार की तरफ से मंत्रियों और नेताओं के बयान आना गलत है। ये एक दीनी मामला है और इसे उसी दायरे में रहकर हल करना है। ये बातें अलीगढ़ शहर में आए दिल्ली के शाही इमाम मौलाना अब्दुल्ला बुखारी ने कहीं।
मौलाना बुखारी ने कहा कि कुरान और हदीस में तलाक तो ज़िक्र है, लेकिन इसका जो तरीका मौजूदा दौर में अपनाया जा रहा है, वह सही नहीं है। एक दो लोग द्वारा व्हाट्सएप और फोन पर तलाक बोल देना महिलाओं के साथ नाइंसाफी है। एक-एक तलाक के बीच कम से कम महीने भर का समय देना चाहिए। इससे आपसी समझौते की कोई गुंजाइश बनी रहती है। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों की गलतियों को पूरे समाज से नहीं जोड़ना चाहिए।
मौलाना अब्दुल्ला बुखारी ने कहा कि तलाक मामले पर मुसलमानों को जागरूक करने की ज़रूरत है। इसको लेकर हुकूमत और नेताओं की बयानबाज़ी पूरी तरह गलत है। उन्होंने कहा कि जहां तक तलाक का मसला है, तो हदीस और कुरान के बाहर मुसलमान नहीं जा सकता है। उसको अदालतें नहीं बल्कि उलेमा ही तय करेंगे। हालांकि तलाक का जो अनुपात बढ़ता जा रहा है, उस पर फिक्र करने की ज़रूरत है।