लखनऊ, यूपी
मुसलमानों को समाजवादी पार्टी में कम हिस्सेदारी देने के सवाल पर यूपी सरकार के कैबिनेट मंत्री राजेंद्र चौधरी जवाब देने के बजाय बगले झांकने लगे। दरअसल अखिलेश यादव के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद सपा ने अपनी नई प्रदेश कार्यकारिणी गठित की है। इसमें प्रदेश अध्यक्ष समेत 72 सदस्य हैं। इस कार्यकारिणी में सिर्फ 8 मुसलमानों को जगह दी गई है।
ऑल इंडिया दलित मुस्लिम मोर्चा की तरफ से राजधानी के प्रेस क्लब में एक प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया गया था। इसमें संगठन की तरफ से समाजवादी पार्टी को समर्थन देने का एलान किया गया। संगठन के अध्यक्ष सलाहुद्दीन शीबू ने कहा कि आज के दौर में समाजवादी पार्टी के बेहतर विकल्प मुसलमानों के पास नहीं है। सपा ने मुसलमानों के लिए कापी काम कराए हैं। इस लिए उनकी संगठन ने तय किया है कि वह इस बार के चुनाव में सपा-कांग्रेस के गठबंधन को समर्थन देगा।
इसी कार्यक्रम में सपा सरकार के कैबिनेट मंत्री राजेंद्र चौधरी भी शामिल हुए। पहले तो मंत्री जी ने एक घंटे की स्पीच दी। जब पीएनएस ने ये सवाल उठाया कि आप सपा में मुसलमानों की भागीदारी की बात करते हैं जबकि अभी हाल ही में प्रदेश कार्यकारिणी का गठन हुआ है उसमें मुसलमानों की हिस्सेदारी बहुत कम है। मंत्री राजेंद्र चोधरी ने ने कहा कि उन्हें मालूम नहीं है, जब पीएनएस ने स मामले में ज़्यादा ज़ोर दिया तो मंत्री जी ने इतना कहा कि अभी उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है, वो इस मामले में पता करके बताएंगे। मालूम हो कि राजेंद्र चौधरी सपा के मुख्य प्रवक्ता भी हैं।
अब ये सवाल उठना लाज़िमी है कि जब पार्टी के मुख्य प्रवक्ता को ही ये नहीं पता कि पार्टी के प्रदेश कार्यकारिणी में का गठन कब हुआ और इसमें किसकी कितनी हिस्सेदारी है तो पार्टी के बारे में अंदाज़ा लगाया जा सकता है। सवाल ये है कि ऐन चुनाव के मौके पर जब समाजावदी पार्टी मुसलमानों को इतनी कम हिस्सेदारी दे रही है तो चुनाव में जीत कर आने के बाद वो सरकार में क्या हिस्सेदारी देगी।