यश भारती पुरस्कार को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और गोरखपुर सांसद रविकिशन के बीच बहस का मामला तूल पकड़ने लगा है। बुधवार को गोरखपुर में सपा जिलाध्यक्ष प्रह्लाद यादव ने रविकिशन का एक फोटो जारी किया है, जिसमें रविकिशन पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश के हाथों सम्मान राशि का चेक लेते हुए नजर आ रहे हैं। जिलाध्यक्ष ने कहा कि रविकिशन झूठ बोल रहे हैं। उन्हें देश से माफी मांगनी चाहिए।
रविकिशन ने सफाई दी
ये नहीं मिला जो फ़ोटो आप लोग वाइरल कर रहेय हो वो एक फ़िल्म के लिए सरकार से अनुदान की थी यश भारती की नहीं pic.twitter.com/vWuyG0L4rO
— Ravi Kishan (@ravikishann) July 24, 2019
— Ravi Kishan (@ravikishann) July 25, 2019
जिलाध्यक्ष का दावा- रवि किशन को मिला 82.50 लाख का चेक
- प्रह्लाद ने कहा कि सपा सरकार में कला संस्कृति विभाग द्वारा रविकिशन को भोजपुरी सिनेमा और कला के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने यश भारती सम्मान से नवाजा था। उस दौरान रवि किशन को 82 लाख 50 हजार रुपए का चेक दिया गया था। रविकिशन को याद रखना चाहिए कि वे सिर्फ कलाकार नहीं बल्कि देश की जनता द्वारा चुने हुए सांसद हैं। उन्होंने लोकतंत्र के सबसे बड़े मंदिर में देश की जनता से झूठ बोला।
- सपा के जिलाध्यक्ष प्रह्लाद के मुताबिक- भाजपा में जाने के बाद रविकिशन ने झूठ बोलना शुरू कर दिया है। भाजपा में यही पाठ पढ़ाया जाता है कि जनता झूठ पसंद करती है। यह वही भाजपा है, जिसने झूठ बोलकर अभी तक भगवान राम को टेंट में रखा है। प्रह्लाद ने यह भी बताया कि रविकिशन के अलावा कला एवं संस्कृति विभाग की तरफ से विभिन्न क्षेत्रों में काम करने वाले लोगों को सम्मानित किया गया था।
- बुधवार को लोकसभा में प्रश्नकाल में पद्म पुरस्कारों से जुड़ा पूरक प्रश्न पूछने के दौरान अखिलेश ने कहा कि उत्तर प्रदेश की पूर्व सपा सरकार विभिन्न क्षेत्रों में योगदान देने वालों को यश भारती सम्मान देती थी और पेंशन के तौर पर 50 हजार रूपए मासिक की राशि भी दी जाती थी। अखिलेश ने यह भी कहा कि इस सदन में मौजूद सदस्य रविकिशन को भी यश भारती मिल चुका है। मेरा सवाल है कि क्या केंद्र सरकार भी पद्म पुरस्कारों से सम्मानित लोगों के लिए कोई सम्मान राशि देना शुरू करेगी? इसके जवाब में गोरखपुर सांसद और अभिनेता रविकिशन ने कहा कि न तो अखिलेश और न ही मायावती सरकार में मुझे कोई पुरस्कार और राशि नहीं मिली।